
29वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला संपन्न
0000-00-00 : 29वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 1 फरवरी 2015 से 15 फरवरी 2015 तक सूरजकुंड, फरीदाबाद (हरियाणा) में मनाया गया. यह मेला संयुक्त रूप से हरियाणा पर्यटन निगम, सूरजकुंड मेला प्राधिकरण एवं पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति और केन्द्रीय विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया.29वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में छत्तीसगढ़ को थीम राज्य के रूप में चुना गया था जबकि लेबनान साथी राष्ट्र के रूप में शामिल हुआ. श्रीलंका 28वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला-2014 के लिए साथी राष्ट्र के रूप में चुना गया था. सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में वर्ष 2009 में पहली बार मिस्र को एक केन्द्रित राष्ट्र के रूप में शामिल किया गया था जबकि वर्ष 2012 में पहली बार थाईलैंड को साथी राष्ट्र के रूप में शामिल किया गया. विदित हो कि हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने 29वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के समापन समारोह में 24 शिल्पकारों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इन्हें कलाश्री, कला निधि, कलामणि, परंपरागत और कला रत्न पुरस्कार दिया गया. कला श्री पुरस्कार में कलाकारों को स्मृति चिह्न, 2100 रुपए और प्रमाण पत्र दिया गया. इसमें छत्तीसगढ की सीमा को गोधना सिल्क, दिल्ली के जयराम सोलंकी को ढोकरा, आंध्रप्रदेश के चान चैय को लकड़ी के खिलौने, गुजरात के जान मोहम्मद को ब्रास बेल और बिहार के कामिनी कौशल को पेपर मैसी के लिए दिया गया. कला निधि पुरस्कार में कलाकारों को स्मृति चिह्न, 5100 रुपए और प्रमाण पत्र दिया गया. इनमें छत्तीसगढ़ के रविन्द्र को बैल मेटल, मध्यप्रदेश के अब्दुल कादर खत्री को बाग प्रिंट, गुजरात के बेंकर दिवजी प्रेमजी को गर्म शाल, तमिलनाडु केपी शंगाटू वेल को वुड कार्विंग, पं. बंगाल के भांटू चित्रकार पटाचित्रा पेंटिंग और बिहार के बाना देवी को मिथला पेटिंग के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया.