2019-07-20 : हाल ही में, जापान एवं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा पारे के घातक प्रभावों को रोकने के लिए एक नई परियोजना की घोषणा की गयी। जापान के साथ आरंभ की गई यूएनईपी की इस परियोजना के तहत एशिया और प्रशांत क्षेत्र में एक क्षेत्रीय पारा निगरानी प्रयोगशाला नेटवर्क स्थापित किया जाएगा और इस क्षेत्र के आस-पास के देशों के लिये क्षमता निर्माण करने के साथ-साथ आवश्यक प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा। पारे से होने वाली मिनामाता नामक गंभीर बीमारी का प्रभाव जापान में लंबे समय तक देखा गया। इसके बाद जापान ने मिनामाता की रोकथाम के लिये गुणात्मक काम किया। वैश्विक स्तर पर भी जापान ने इस बीमारी के प्रभाव को सीमित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। |