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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ज़ीका वायरस को अन्तरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया|

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ज़ीका वायरस को अन्तरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया|


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2016-02-02 : हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1 फरवरी 2016 को जीका वायरस को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया। यह वायरस अभी तक ब्राजील सहित लैटिन अमेरिका के 23 देशों में फैल चुका है। इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन के जिनीवा मुख्यालय में एक आपातकाल बैठक बुलाई गयी जिसमें विशेषज्ञों द्वारा जीका वायरस को अन्तरराष्ट्रीय आपातकाल के लिए आवश्यक माना गया। डब्ल्यूएचओ ने यह आशंका जताई है कि वर्ष 2017 तक अमेरिका महाद्वीप में इस वायरस की चपेट में 40 लाख लोग आ सकते हैं। हालांकि अभी व्यापार और यात्रा से जुड़ी कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की गयी है।

मच्छर से फैलने वाले इस वायरस से सबसे अधिक खतरा नवजात शिशुओं एवं गर्भवती महिलाओं को होता है। इस वायरस से प्रभावित नवजात शिशुओं के सिर छोटे होते हैं तथा उनमें रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास न होने के कारण उन्हें बचाना भी मुश्किल होता है। जीका वायरस से पहले डब्ल्यूएचओ ने 2014 में इबोला वायरस को अन्तरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था। पश्चिमी अफ्रीका में फैले इस वायरस से 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।

जीका वायरस के बारे में :-

# जीका वायरस एडीज मच्छर से फैलता है।

# डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया भी एडीज मच्छर से ही फैलते हैं।

# जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को होता है।

# इसके कारण होने वाले प्रभाव को माइक्रोसेफैली कहा जाता है।

# यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें बच्चे का दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है।

# इसका पहला मामला 1947 में अफ्रीकी देश युगांडा में सामने आया था।

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