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भारत में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने मधुमेह रोधी आयुर्वेदिक दवा की शुरूआत की|

भारत में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने मधुमेह रोधी आयुर्वेदिक दवा की शुरूआत की|


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2016-02-05 : हाल ही में, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने 03 फरवरी 2016 को देश की पहली टाइप-2 मधुमेहरोधी आयुर्वेदिक दवा लांच की। जिसे वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित और प्रभावी बताया गया है। बीजीआर-34 को राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) और औषधीय और सुगंधित पौधों के लिए केंद्रीय संस्थान (सीआईएमएपी) ने साथ मिलकर विकसित किया है। यह दोनों सीएसआईआर की शोध इकाई है और लखनऊ में स्थित है।

इस दवाई की लांचिंग के अवसर पर सीएसआईआर-एनबीआरआई के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ए।के।एस। रावत ने कहा कि भारत की 6 करोड़ आबादी मधुमेह से पीड़ित है। इस दवाई के अनुसंधान में एनबीआरआई और सीआईएमएपी के वैज्ञानिकों ने 500 से ज्यादा जानेमाने जड़ी-बूटियों का गहराई से अध्ययन किया और उसमें से 6 प्रमुख जड़ी-बूटी का चुनाव किया जिसका उल्लेख आयुर्वेद में भी है। इसी के मिश्रण से इस नई दवाई को विकसित किया गया है।

सीएसआईआर-एनबीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक वी। राव ने कहा कि बीजीआर-34 एक अनूठा उत्पाद है जो मधुमेह पीड़ितों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इस उत्पाद को काफी अनुसंधान के बाद निर्मित किया गया है। इस दवाई के व्यवसायिक उत्पादन और वितरण के लिए इसके अधिकार एआईएमआईएल फार्मास्यूटिकल्स (आई) लिमिटेड को दिए गए जो अपने क्वालिटी उत्पादों के लिए जानी जाती है।

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