
आम बजट 2017-18 : कर (टैक्स) प्रावधान
2017-02-01 : हाल ही में, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी 2017 को वर्ष 2017-18 का आम बजट (Union Budget) लोकसभा में पेश किया। पाठकों को बता दे की भाजपा की नेतृत्व वाली वर्तमान ‘एनडीए’ सरकार का यह तीसरा आम बजट है। वित्त मंत्री द्वरा घोषित किये गये टैक्स में मुख्य घोषणा यह है की अब तीन लाख रूपए की वार्षिक आय पर टैक्स नही लगेगा।
अन्य सम्बंधित घोषणाएं इस प्रकार है...
# सरकारी घाटा 3.2% से कम कर 3.0% करने का लक्ष्य है
# वित्तीय घाटा जीडीपी 3.2 रखने का लक्ष्य
# देश में 1.72 करोड़ लोग आयकर भरते हैं।
# 24 लाख लोग 10 लाख से ऊपर आय घोषित करते हैं।
# नोटबंदी के फैसले 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख से कम आय बताई और 76 लाख लोगों ने 5 लाख से ऊपर आय बताई।
# निजी आयकर में 34.8% की वृद्धि
# सस्ते घर को कारपेट एरिया के अनुसार मापा जायेगा।
# घरों के लिए कैपिटल गेन टैक्स घटाया गया, कैपिटल गेन टैक्स की सीमा 3 साल से 2 साल की गई
# कारपेट एरिया ज्यादा होगा, सस्ते घरों की स्कीम जारी रहेगी
# बिल्ट अप एरिया को कारपेट एरिया माना जाएगा
# 50 करोड़ टर्नओवर वाली कपनियों का 5 प्रतिशत टैक्स कम किया जायेगा।
# छोटी कम्पनियों का टैक्स 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया गया।
# मेक इन इंडिया को बढ़ाने के लिए टैक्स में छूट दी गयी।
# तीन लाख से अधिक कैश ट्रांज़ेकशन पर रोक लगाई जाएगी।
# 3 लाख से ऊपर के लेनदेन के लिए डिजिटल व्यवस्था को फॉलो करना होगा
# 2.5 लाख से 5 लाख वार्षिक आय पर 10 प्रतिशत की बजाये 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा
# 3-3.5 लाख पर 5000 रुपये टैक्स लगेगा
# तीन लाख रूपए की वार्षिक आय पर टैक्स नही
# मिडिल क्लास को टैक्स में राहत
# अर्थव्यवस्था से काला धन निकालना सरकार की प्राथमिकता
# प्रत्यक्ष कर वसूली देश की अर्थव्यवस्था के अनुपात में नहीं
# राजनीतिक पार्टियां सिर्फ 2 हजार रुपये तक ही कैश में चंदा ले सकेंगी
# 2000 रुपये से ज्यादा का चंदा चेक या डिजिटल तरीके से ही लिया जा सकेगा।
# अब तक 20 हजार रुपये के कैश चंदे पर राजनीतिक पार्टियों को हिसाब नहीं देना होता था। राजनीतिक चंदे के लिए बॉन्ड आएगा, बॉन्ड पार्टी के खाते में जाएगा।