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ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (AG) का 43वां सदस्य बना भारत

ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (AG) का 43वां सदस्य बना भारत


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2018-01-20 : हाल ही में, भारत 19 जनवरी 2018 को ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) का सदस्य बना है। बता दे की यह एक महत्वपूर्ण कामयाबी है। इस समूह की सदस्यता के मिलने पर भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए मजबूती से दावेदारी रख सकता है। ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) परमाणु अप्रसार की एक महत्वपूर्ण व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निर्यातों से रासायनिक या जैविक हथियारों का विकास नहीं हो सके। ध्यान दे की भारत को ऑस्ट्रेलिया ग्रुप के 43वें भागीदार के तौर पर शामिल किया।

भारत के लिए यह परस्पर लाभदायक होगा और परमाणु अप्रसार के उद्देश्य में सहायता करेगा। ऑस्ट्रेलिया ग्रुप की सदस्यता से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं अप्रसार उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि भारत 2016 में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में शामिल हुआ जबकि वासेनार अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) में पिछले साल शामिल हुआ था।

ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (AG) के बारे में :-

# यह विभिन्न देशों का सहकारी और स्वैच्छिक समूह है जो उन सामग्रियों, उपकरणों और प्रौद्योगिकियों के प्रसार को रोकने के लिए काम कर रहा है जो देशों या आतंकवादी संगठनों की ओर से रासायनिक और जैविक हथियारों के विकास या अधिग्रहण में योगदान दे सकता है।

# इसकी स्थापना वर्ष 1985 में उस समय की गयी थी जब एक वर्ष पूर्व इराक द्वारा रासायनिक हथियारों का उपयोग किया गया।

# ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का उद्देश्य सदस्य देशों को उन निर्यातों की पहचान करने में मदद करना है जिन्हे नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता है ताकि रासायनिक और जैविक हथियारों के प्रसार को रोका जा सके।

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