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ECOSOC ने भारत की जगजीत पवाड़िया को अंतरराष्‍ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण बोर्ड के लिए पुनः निर्वाचित किया

ECOSOC ने भारत की जगजीत पवाड़िया को अंतरराष्‍ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण बोर्ड के लिए पुनः निर्वाचित किया


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2019-05-09 : हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) ने भारत की जगजीत पवाड़िया को सबसे अधिक वोटों से अंतरराष्ट्रीयय मादक पदार्थ नियंत्रण बोर्ड (आईएनसीबी) के लिए पुनः निर्वाचित किया है। उनका कार्यकाल पांच साल के लिए पुनः होगा। जगजीत पवाड़िया का दूसरा कार्यकाल 02 मार्च 2020 को शुरू होकर 01 मार्च 2025 को समाप्त होगा। उनका मौजूदा कार्यकाल साल 2020 में समाप्त होना था। बता दे की वे आईएनसीबी के लिए दोबारा चुनी गई हैं। वे आईएनसीबी की सदस्य साल 2015 से हैं।

जगजीत पवाड़िया के बारे में :-

# जगजीत पवाड़िया का जन्म साल 1954 में हुआ था उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से साल 1988 में एलएलबी किया।

# उन्होंने बाद में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान से लोक प्रशासन में मास्टर डिप्लोमा किया।

# भारतीय राजस्व सेवा में उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।

# उन्होंने साल 2006 से साल 2012 के दौरान भारत में नारकोटिक्स कमिश्नर और केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) में कार्य किया।

अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण बोर्ड (आईएनसीबी) के बारे में :-

# अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण बोर्ड (आईएनसीबी) एक अर्धन्यायिक बोर्ड है, यह नशीली दवाओं पर लगे प्रतिबंधों की देख-रेख करता है।

# इसके 13 सदस्य हैं।

# इसकी शुरुआत साल 1909 में शंघाई में अंतरराष्ट्रीय अफीम आयोग के साथ हुई थी।

# यह प्रथम अंतरराष्ट्रीय नशीली दवा नियंत्रण सम्मेलन था।

# यह मौजूदा स्वरुप में साल 1968 में अस्तित्व में आया था।

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक तथा सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के बारे में :-

# ईसीओएसओसी संयुक्त राष्ट्र संघ के कुछ सदस्य राष्ट्रों का एक समूह है।

# यह परिषद सामान्य सभा को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग और विकास कार्यक्रमों में मदद करता है।

# यह परिषद सामाजिक समस्याओं के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति को प्रभावी बनाने का कोशिश करता है।

# ईसीओएसओसी की स्थापना साल 1945 की गयी थी।

# इस परिषद में शुरुआती समय में केवल 18 सदस्य होते थे।

# संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र को संशोधित करके साल 1971 में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 54 कर दी गई है।

# इस परिषद में प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है।

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