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भारतीय वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की 100वीं जंयती मनाई गयी

भारतीय वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की 100वीं जंयती मनाई गयी


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2019-08-12 : हाल ही में, 12 अगस्त 2019 को भारतीय वैज्ञानिक विक्रम अंबालाल साराभाई की 100वीं जंयती मनाई गयी। उन्हें व्यापक रूप से भारत के स्पेस प्रोग्राम का जनक माना जाता था। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना की। ध्यान दे की उनका जन्म 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद में हुआ था। विक्रम साराभाई को 1962 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला। उन्हें 1966 में पद्म भूषण और 1972 में पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था।

विक्रम साराभाई के बारें में अधिक :-

# तकनीकी समाधानों के अलावा इनका और इनके परिवार ने आजादी की लड़ाई में भी भरपूर योगदान दिया। इन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट हासिल करने से पहले गुजरात कॉलेज में पढ़ाई की। इसके बाद अहमदाबाद में ही उन्होंने फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी की स्थापना की। इस समय उनकी उम्र महज 28 साल थी।

# फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी की सफल स्थापना के बाद (पीआरएल) डॉ साराभाई ने कई संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

# परमाणु उर्जा आयोग के चेयरमैन रहने के साथ-साथ उन्होंने अहमदाबाद के उद्योगपतियों की मदद से आइआइएम अहमदाबाद(IIM Ahmdabad) की भी स्थापना की।

# भारतीअंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। सेटेलाईट इंस्ट्रक्शनल टेलीवीजन एक्सपेरिमेंट (SITE) के लांच में भी साराभाई ने अहम भूमिका निभाई जब इन्होंने 1966 में नासा से इसेक लिए बातचीत की।

# भारत के परमाणु विज्ञान कार्यक्रम का जनक डॉ. होमी भाभा ने भारत में पहला रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन स्थापित करने में विक्रम साराभाई का समर्थन किया। पहली उड़ान 21 नवंबर, 1963 को सोडियम वाष्प पेलोड के साथ लॉन्च की गई थी। वह परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष भी थे।

# देश के पहले सेटेलाईट आर्यभट्ट को भी लांच करने में इनकी अहम भूमिका रही। ‘नेहरू विकास संस्थान’ के माध्यम से उन्होंने गुजरात की उन्नति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

# वह देश-विदेश की अनेक विज्ञान और शोध सम्बन्धी संस्थाओं के अध्यक्ष और सदस्य थे। 1971 में महज 52 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

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