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केरल पर्यटन की मुज़िरिस विरासत परियोजना ने पाटा पुरस्कार जीता |

केरल पर्यटन की मुज़िरिस विरासत परियोजना ने पाटा पुरस्कार जीता |


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0000-00-00 : केरल पर्यटन विभाग की मुज़िरिस विरासत परियोजना (एमएचपी) को 18 जुलाई 2015 को विरासत और संस्कृति श्रेणी में पसिफ़िक एशिया ट्रेवल एसोसिएशन (पाटा) पुरस्कार देने की घोषणा की गयी | तथा यह पुरस्कार मुज़िरिस विरासत परियोजना को उसके संरक्षण, विशिष्ट तथा स्थानीय समुदाय पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण दिया गया | और इस परियोजना के तहत त्रिशूर स्थित पारावुर में एर्नाकुलम से लेकर कोदुन्गाल्लूर के बीच फैली ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की इमारतों का संरक्षण प्रदान करना शामिल है | मुज़िरिस विरासत परियोजना आधुनिक भारत की सबसे विशाल परियोजनाओं में से एक है | यह पुरस्कार बेंगलुरु में 8 सितम्बर 2015 को पाटा ट्रैवल मार्ट दिया जायेगा |

मुज़िरिस विरासत परियोजना के बारे में :-
मुज़िरिस विरासत परियोजना (एमएचएस) का उद्देश्य विभिन्न विकास कार्यों में स्थानीय लोगों को शामिल करना है | और इस परियोजना का कार्यक्षेत्र उत्तरी पारावुर में एर्नाकुलम जिले से त्रिशूर जिले में कोदुन्गाल्लूर तक फैला हुआ है | एर्नाकुलम जिले में चार पंचायतें हैं जिसमें चेन्नामंगलम, चित्तातुकारा, वादाकेक्कर एवं पल्लिपुरम शामिल हैं | तथा इसी प्रकार त्रिशूर जिले में एरियाद, मथिलाकम एवं श्रीनारायणपुरम क्षेत्र शामिल हैं |

पाटा पुरस्कार के बारे में :-
यह मकाऊ सरकार पर्यटन कार्यालय द्वारा प्रायोजित वार्षिक पुरस्कार है जिसे पैसिफिक एशिया ट्रैवल एसोसिएशन द्वारा दिया जाता है | और यह 25 विभिन्न संस्थाओं एवं व्यक्तियों की उपलब्धियों पर दिया जाने वाला पुरस्कार है | पाटा इस एसोसिएशन के सदस्य के रूप में एशिया प्रशांत क्षेत्र में यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है |

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