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CEO  ने भारत की ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस रेटिंग में सुधार के लिए एनयूएस के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए |

CEO ने भारत की ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस रेटिंग में सुधार के लिए एनयूएस के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए |


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0000-00-00 : भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने ली कुएन यू स्कूल ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर (एनयूएस) के साथ ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में भारत की रेटिंग में सुधार के लिए एक समझौता अनुबंध पर हस्ताक्षर किए | MOU का उद्देश्य व्यापार की आसानी को बढ़ाना और विश्व बैंक के अनुसार भारत के वर्तमान 142वें स्थान से विश्व के शीर्ष 50 देशों के बीच लाना है | एमओयू पर हस्ताक्षर सीआईआई कांफ्रेंस के दौरान किए गए, यह आयोजन सीआईआई नार्थन रीजन की वार्षिक प्रांतीय बैठक के एक हिस्से के रूप में फोकस नार्थ द्वारा किया गया | सीआईआई और एनयूएस संयुक्त रूप से 11 मापदंडों पर राज्य स्तरीय शोध करेंगे, जिसमें व्यापार को शुरू करना, निर्माण अनुमतियों के मामले, विद्युत की प्राप्ति, भूमि अधिग्रहण, संपत्ति पंजीयन, अल्पसंख्यक निवेशकों को संरक्षण, कर भुगतान, सीमाओं के पार व्यापार, प्रवर्तनीय ठेके, दिवालियापन का समाधान, श्रम बाजार नियम शामिल हैं | इसके आगे यह समझौता सीआईआई, एनयूएस और संबंधित राज्य सरकारों के बीच व्यक्तिगत त्रिपक्षीय एमओयू के बाद किया जाएगा, जिससे ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के लिए मास्टर प्लान बनाया जाएगा और फिर व्यापक राज्य स्तरीय योजना तैयार की जाएगी | एनयूएस द्वारा विभिन्न मापदंडों पर राज्यों की वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाएगा, विभिन्न राज्यों की सर्वोत्तम विशिष्ट प्रथाओं पर मार्गदर्शन कर उन्हें अपनाया जाएगा, उन पर पकड़ बनाना और साल दर साल आधार पर होने वाले सुधारों का विश्लेषण किया जाएगा | विकास में तेजी और नई नौकरियां सृजति करने के लिए व्यापार की आसानी संबंधी मुद्दों का उठाना महत्वपूर्ण है | मेक इन इंडिया अभियान का लक्ष्य भारत का स्थान विश्व स्तरीय निर्माण स्थलों में शामिल करना है | व्यापार में आसानी के लिए राज्यों में निवेश का माहौल बनाने व उसमें सुधार के लिए और संरचनात्मक ढांचे को सक्षम बनाने के लिए ढांचागत व नियामक सुधारों पर जोर दिया जाना चाहिए | ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस में सिंगापुर की रैंक प्रथम है |

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