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विश्वस्तर पर "युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस" मनाया गया |
0000-00-00 : विश्वस्तर पर 6 नवम्बर 2015 को “इंटरनेशनल डे फॉर प्रीवेंटिंग एक्स्प्लॉयटेशन ऑफ़ एनवायरमेंट इन वार एंड आर्म्ड कनफ्लिक्ट” अर्थात युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र ने 5 नवम्बर 2001 को 6 नवम्बर को ‘इंटरनेशनल डे फॉर प्रीवेंटिंग एक्स्प्लॉयटेशन ऑफ़ एनवायरमेंट इन वार एंड आर्म्ड कनफ्लिक्ट’ के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिवस का उद्देश्य युद्ध में होने वाली पर्यावरण क्षति के संरक्षण प्रति सदस्य राष्ट्रों को जागरूक करना है।
प्रायः युद्ध क्षति को मृत सैनिकों और नागरिकों की संख्या, नष्ट हुई जीविका और शहरों की संख्या तक सीमित समझा जाता है। परन्तु युद्ध के दौरान कई बार सामरिक लाभ के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुँए के जल, फसलों, जंगलों, मृदा की उर्वरता को क्षति पहुंचाई जाती है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अनुसार पिछले 60 वर्षों में 40 प्रतिशत आंतरिक विद्रोह के कारण प्राकतिक संसाधनों का भारी नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त इन विद्रोहों में लकड़ी, हीरे, सोने और तेल जैसे उच्च मूल्य के संसाधन और उर्वरक एवं जल जैसे सीमित संसाधनों ने भी भारी क्षति का सामना किया है।