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भारतीय रेल ने अनारक्षित टिकटों पर बार कोडिंग प्रणाली का शुभारंभ किया|

भारतीय रेल ने अनारक्षित टिकटों पर बार कोडिंग प्रणाली का शुभारंभ किया|


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2016-03-02 : हाल ही में, भारतीय रेलवे ने 1 मार्च 2016 को नई दिल्ली में अनारक्षित टिकटों हेतु बार कोडिंग प्रणाली का शुभारंभ किया। रेलवे ने इस प्रणाली का शुभारंभ टिकट प्रणाली में पारदर्शिता लाने और राजस्व की चोरी को रोकने के लिए किया है। पाठकों को बता दे की यह परियोजना नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों के नौ टिकट काउंटरों पर पायलट परियोजना के रूप में आरम्भ की गयी है। इस प्रणाली से अनधिकृत टिकटों का प्रचलन रोका जाएगा। अनधिकृत टिकटों के प्रचलन से रेलवे का राजस्व प्रभावित होता है।

बार कोड प्रणाली के बारे में :-

# अनधिकृत टिकटों के प्रचलन को रोकने के लिए बार कोड में विभिन्न विवरण मुद्रित किए जाएंगे।

# जिसमे टिकट नंबर, स्टॉक संख्या, किराया, स्रोत स्टेशन, गंतव्य स्टेशन, वयस्कों की संख्या, बच्चों की संख्या, ट्रेन प्रकार, वर्ग कोड और यात्रा की तिथि, एन्क्रिप्टेड क्यूआर कोड जैसे विवरण शामिल हैं।

# इस प्रौद्योगिकी में मुद्रण केवल थर्मल स्टेशनरी पर ही थर्मल प्रिंटर के माध्यम से किया जा सकता है।

# टिकट की कार्बन कॉपी करके, डेटा और उस पर अन्य जानकारी के मुद्रण को मिटा कर धोखाधड़ी को इसके क्यूआर का मूल्यांकन, स्कैनिंग द्वारा जांचा जा सकेगा।

# जब भी टिकट निरीक्षक स्टाफ, टिकट का निरीक्षण करेगा तो एन्क्रिप्टेड क्यूआर कोड को स्कैन करके वह टिकट के बारे में मुद्रित किसी भी जानकारी को जाँच परख करने के बाद की जाने वाली धोखाधड़ी का पता लगा सकेगा।

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