 
								पद्मा सचदेव वर्ष 2015 के सरस्वती सम्मान के लिए चयनित की गयी|
                                    2016-04-15 : डोगरी और हिंदी भाषा की मशहूर लेखिका पद्मा सचदेव को 12 अप्रैल 2016 को को वर्ष 2015 के सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया। सचदेव को यह सम्मान डोगरी में लिखी गई उनकी आत्मकथा "चित्त-चेते" के लिए दिया जाएगा। पद्मा सचदेव डोगरी भाषा की पहली आधुनिक कवयित्री है। "मेरी कविता मेरे गीत" के लिए उन्हें 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ।  उन्हें वर्ष 2001 में पद्म श्री और वर्ष 2007-08 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कबीर सम्मान प्रदान किया गया।
सरस्वती सम्मान के बारे में :-
#  सरस्वती सम्मान भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट गद्य या कविता साहित्यिक कृतियों की मान्यता के लिए दिया जाता है।
#  यह एक वार्षिक पुरस्कार है। यह सम्मान पिछले 10 वर्षों की साहित्यिक कृतियों के लिए दिया जाता है।
#  सरस्वती सम्मान के अंतर्गत एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 10 लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया जाता है।
# केके बिरला फाउंडेशन ने वर्ष 1991 में सरस्वती सम्मान की स्थापना की थी और पहला सम्मान डॉ। हरिवंश राय बच्चन को उनकी आत्मकथात्मक कृति ‘दशद्वार से सोपान तक’ के लिए दिया गया था।
#  एम. वीरप्पा मोइली को उनकी कन्नड़ कविता रामायण महान्वेषणम (Ramayana Mahanveshanam) के लिए वर्ष 2014 का प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान दिया गया था।
									
 
							 
												