 
								हिंदी लेखिका सुनीता जैन, व्यास सम्मान से सम्मानित
                                    2016-08-22 : हाल ही में, प्रख्यात लेखिका सुनीता जैन को उनके काव्य संग्रह "क्षमा" के लिए 17 अगस्त 2016 को साल 2015 का व्यास सम्मान प्रदान किया गया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने एक समारोह में उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया। व्यास सम्मान भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला ज्ञानपीठ के बाद दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार है। अब तक श्रीलाल शुक्ल, गिरिराज किशोर, चित्रा मुद्गल, परमानंद श्रीवास्तव, धर्मवीर भारती और केदारनाथ सिंह जैसे लेखकों को इससे सम्मानित किया जा चुका है।
    सुनीता जैन का जन्म 13 जुलाई 1941 को हरियाणा में हुआ था।    सुनीता जैन की 100 से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।    इसमें "ए गर्ल ऑफ हर एज", "बोज्यू", "सफर के साथी", "हेरवा", "रंग-रति", "जाने लड़की पगली" आदि प्रमुख हैं।    उन्होंने "स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयार्क" से अंग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. किया तथा "यूनिवर्सिटी ऑफ़ नेब्रास्का" से पीएच। डी। की उपाधि प्राप्त की।    वे ‘विश्व हिन्दी सम्मान’ से सम्मानित हिन्दी की पहली कवयित्री हैं।
व्यास सम्मान के बारे में :-
#    केके बिड़ला फाउंडेशन ने व्यास सम्मान की शुरुआत की थी।
#    पुरस्कार की शुरुआत 1991 में हुई थी।
#    इसके तहत 2.5 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है।
									
 
							 
												