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भारतीय रेलवे इंजीनियर अश्विनी उपाध्याय ने केटर पिलर ट्रेन के नवाचार हेतु MIT पुरस्कार जीता

भारतीय रेलवे इंजीनियर अश्विनी उपाध्याय ने केटर पिलर ट्रेन के नवाचार हेतु MIT पुरस्कार जीता


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2016-08-25 : हाल ही में, भारतीय रेलवे के इंजीनियर अश्विनी उपाध्याय ने शहरी ट्रांसपोर्ट हेतु अनूठा हल खोज निकाला है। कैटरपिलर ट्रेन के नाम से मशहूर हो चुके इस नए नवेले ट्रांसपोर्ट कॉन्सेप्ट पर दुनिया के जाने-माने तकनीकी संस्थान मैसाच्यूसेट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने भी 23 अगस्त 2016 को स्वीकृति दे दी। रेलवे में आईआरटीएस अधिकारी अश्विनी कुमार उपाध्याय के कैटरपिलर ट्रेन के कॉन्सेप्ट को एमआईटी के क्लाइमेट कोलैब कॉन्टेस्ट में पॉपुलर कैटेगरी और जजेज च्वाइस दोनों में ही चुना गया है।

अश्विनी कुमार के अनुसार कैटरपिलर ट्रेन का आइडिया उन्हें सिंगापुर में एमआईटी की स्कॉलरशिप पर अपना रिसर्च पूरा करने के दरम्यान आया। इस विषय पर अमेरिकन इंजीनियर एमिल जैकब से उन्होंने चर्चा की। दोनों के बीच डेढ़ साल इस कॉन्सेप्ट पर काम करने के बाद कैटरपिलर ट्रेन का आइडिया बना।

कैटरपिलर ट्रेन के बारे में :-

# यह दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों की ट्रैफिक समस्या हेतु एक स्थाई समाधान हो सकता है।

# इसमें मेट्रो ट्रेन के मुकाबले लागत मात्र पंद्रहवां हिस्सा है।

# दिल्ली जैसे शहर में बढ़ती कारों के बीच छोटी-छोटी गलियों में लास्ट माइल कनेक्टिविटी देना मुश्किल हो गया है। इसमे यह मददगार हो सकती है।

# कैटरपिलर ट्रेन सिस्टम में पूरी की पूरी ट्रेन व्यवस्था सड़क के ऊपर ही बनाई जा सकती है।

# आर्क के आकार में खंबे लगाकर इनके ऊपर रेल पटरी बिछाई जाएगी।

# इन पटरियों पर 20 लोगों के बैठने के लिए डिब्बे चलाए जाएंगे।

# ये डिब्बे दोहरे स्तर पर चलेंगे।

# आधे डिब्बे पटरियों पर लटक कर तो वहीं आधे डिब्बे पटरियों के ऊपर चलेंगे।

# ये डिब्बे ऐसे होंगे कि इनमें चारों तरफ गेट होंगे और ये जीपीएस के जरिए आटोमेटेड तरीके से बिजली के जरिए चलेंगे।

# इन डिब्बों में आठ जोड़ी छोटे पहिए लगे होंगे जो इस ट्रेन को चलाएंगे।

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