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वर्ल्ड रिस्क रिपोर्ट 2016 में भारत को मिला 77वां स्थान

वर्ल्ड रिस्क रिपोर्ट 2016 में भारत को मिला 77वां स्थान


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2016-08-29 : पर्यावरण और मानव सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय संस्थान की तरफ से 25 अगस्त 2016 को पब्लिश द वर्ल्ड रिस्क रिपोर्ट 2016 में भारत को 77वां स्थान दिया गया है। इस रिपोर्ट में आईसलैंड को पहला स्थान मिला है। विश्व भर में बुनियादी ढांचे में विकास की आक्रामक प्रकृति के कारण पृथ्वी के चक्र पर भारी दबाव पड़ रहा है। जनसंख्या वृद्धि, प्राकृतिक संसाधनों और वनस्पतियों और जीव को नुकसान आदि ने प्राकृतिक आपदा के खतरे को बढ़ा दिया है।

यह किसी देश में आपदा जोखिम को आकार देने में बुनियादी ढांचे की भूमिका का विश्लेषण करती है। इस सूची में बांग्लादेश शीर्ष पांच देशों में है जबकि भारत 77वें स्थान पर है। पाकिस्तान भारत से थोड़े बेहतर स्थान पर है, उसका स्थान 72 है। सूचकांक, वर्ल्ड रिस्क रिपोर्ट 2016 का एक भाग है।

इस सूचकांक के माध्यम से 171 देशों पर आपदा के खतरे का आकलन, प्राकृतिक खतरों और सामाजिक कमजोरियों का संयुक्त विश्लेषण किया गया। ढहते परिवहन मार्गों, अविश्वसनीय बिजली ग्रिड, और जीर्ण-शीर्ण भवनों से न केवल विदेशों से मानवीय सहायता में बाधा आती है बल्कि आपदा की स्थिति में प्रभावित लोगों के लिए महत्वपूर्ण सहायता में देरी भी करती है।

इस रिपोर्ट में आईसलैंड को पहला स्थान मिला है जो की वर्ष 2016 में सबसे बड़े जोखिम का प्रदर्शन किया। शोधकर्ताओं की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कमी और कमजोर रसद चेन के कारण एक चरम प्राकृतिक घटना एक आपदा के रूप में परिवर्तित हो जाती है।

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