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UP सरकार ने राज्य में शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया

UP सरकार ने राज्य में शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया


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2017-06-14 : हाल ही में, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ सरकार ने राज्य में शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। कैबिनेट के इस फैसले के बाद राज्य में सभी धर्मों के लोगों को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। वैसे सुप्रीम कोर्ट भी शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का निर्देश पूर्व में ही पारित कर चुका है। और इसके बाद से कई राज्य सरकारों ने इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया। इस मामले में योगी सरकार ने पहले ही विवाह रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की तैयारी कर ली थी। महिला कल्याण विभाग को नियमावली तैयार करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया था।

रजिस्ट्रेशन न कराने वाले शख्स को यूपी सरकार की किसी भी सरकारी सेवा का लाभ नहीं प्रदान नहीं किया जा सकेगा। नियमावली जिस दिन से लागू होगी, उसी दिन से रजिस्ट्रेशन कराया जाना अनिवार्य माना जाएगा। बिहार, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और केरल ने शादी के रजिस्ट्रेशन को अपने यहां अनिवार्य करने के नियम लागू कर दिए हैं। इन सभी राज्यों में पंजीकरण न कराने वाल शादी शुदा जोड़ों से जुर्माना भी वसूला किया जाता है।

संभावना व्यक्त की गई है कि इस नियम से उन व्यक्तियों को छूट प्रदान की जाएगी जो पहले से विवाहित हैं। लेकिन नियम लागू होने के बाद देर से रजिस्ट्रेशन कराने पर सरकार जुर्माना भी वसूल करेगी। इस जुर्माने की धनराशि कितनी होगी अभी यह तय नहीं किया गया है। पूर्व प्रदेश सरकार के कार्यकाल में अखिलेश यादव के शासनकाल में भी वर्ष 2015 में मंत्री अहमद हसन की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई। किन्तु समुचित रूप से कोई नियम नहीं बन सका और इसका क्रियान्वयन नहीं किया जा सका।

यूपी सरकार की बाल विकास एवं महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत प्रदेश में मैरिज रजिस्ट्रेशन पूरी तैयारी के साथ लागू किया जाएगा। मैरिज रजिस्ट्रेशन एक्ट में सभी धर्मों के लिए एक जैसी कानूनी प्रक्रिया होगी।

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