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कृष्णा सोबती का ज्ञानपीठ पुरस्कार 2017 हेतु चयन किया गया

कृष्णा सोबती का ज्ञानपीठ पुरस्कार 2017 हेतु चयन किया गया


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2017-11-05 : हाल ही में, हिन्दी लेखिका कृष्णा सोबती को वर्ष 2017 के ज्ञानपीठ पुरस्कार हेतु चुना गया है। पाठकों को बता दे की ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने देश का सर्वोच्च सम्मान है। ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई के अनुसार वर्ष 2017 के लिए दिया जाने वाला यह 53वां ज्ञानपीठ पुरस्कार है। इसके साथ ही यह भी बता दे की पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम के लेखक जी शंकर कुरूप को प्रदान किया गया। और सुमित्रानंदन पंत ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले हिंदी के पहले रचनाकार थे। कृष्णा सोबती ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाली हिंदी की 11वीं रचनाकार हैं।

कृष्णा सोबती के बारे में :-

# कृष्णा सोबती को उनके उपन्यास ‘‘जिंदगीनामा’’ के लिए वर्ष 1980 का साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया।

# वर्ष 1996 में उन्हें अकादमी के उच्चतम सम्मान साहित्य अकादमी फैलोशिप से सम्मानित किया गया। कृष्णा सोबती की रचनाकर्म में ज़िन्दगीनामा, ऐ लड़की, मित्रो मरजानी और जैनी मेहरबान सिंह शामिल है।

# इसके अलावा कृष्णा सोबती को पद्मभूषण, व्यास सम्मान, शलाका सम्मान से भी सम्मनित किया जा चुका है।

# कृष्णा सोबती के कालजयी उपन्यासों सूरजमुखी अंधेरे के, दिलोदानिश, ज़िंदगीनामा, ऐ लड़की, समय सरगम, मित्रो मरजानी, जैनी मेहरबान सिंह, हम हशमत, बादलों के घेरे ने कथा साहित्य को अप्रतिम ताजगी और स्फूर्ति प्रदान की है।

# हाल में प्रकाशित ‘बुद्ध का कमंडल लद्दाख’ और ‘गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान’ भी उनके लेखन के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

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