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वरिष्ठ साहित्यकार मनु शर्मा का निधन

वरिष्ठ साहित्यकार मनु शर्मा का निधन


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2017-11-08 : हाल ही मे, वरिष्ठ साहित्यकार और हिन्दी में सबसे बड़ा उपन्यास लिखने वाले मनु शर्मा का 08 नवंबर 2017 को वाराणसी में निधन हो गया। उनकी अवस्था 89 वर्ष थी। मनु शर्मा का उपन्यास ‘कृष्ण की आत्मकथा’ आठ खण्डों में आया है। इसे हिन्दी का सबसे बड़ा उपन्यास माना जाता है। इसके अलावा उन्होंने हिन्दी में अनेक उपन्यासों की रचनाएं की। मनु शर्मा का जन्म 1928 को शरद पूर्णिमा को फैजाबाद के अकबरपुर में हुआ। आधुनिक हिन्दी साहित्य के लेखक मनु शर्मा हिंदी की खेमेबंदी से दूर रहे। उन्होंने साहित्य की हर विधा में अपना योगदान दिया।

बेहद अभावों में पले-बढ़े मनु शर्मा ने घर चलाने के लिए फेरी लगाकर कपड़ा और मूंगफली तक बेची। बनारस के डीएवी कॉलेज में अदेशपालक की नौकरी की। और उनके गुरु कृष्णरदेव प्रसाद गौड़ उर्फ “बेढ़ब बनारसी” ने उन्हें पुस्तकालय में काम दिया। केंद्र सरकार ने महिलाओं के उत्पीडन की शिकायत हेतु एसएचई बाक्स का शुभारम्भ किया

उनके प्रसिद्ध उपन्यास की बात करे तो मनु शर्मा ने हिन्दी में अनेक उपन्यास लिखे जिनमें ‘कर्ण की आत्मकथा’, ‘द्रोण की आत्मकथा’, ‘द्रोपदी की आत्मकथा’,‘ के बोले मां तुमि अबले’, ‘छत्रपति’,‘ एकलिंग का दीवाना’, ‘गांधी लौटे’ काफी विख्यात हुए।

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