टीबी के मामले रिपोर्ट नहीं करने पर डॉक्टरों को होगी 2 साल तक की सज़ा : केंद्र सरकार
2018-03-21 : हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 मार्च 2018 को अधिसूचना जारी कर बताया है कि सरकार को तपेदिक (टीबी) के मामलों की जानकारी नहीं देने पर चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और फार्मासिस्टों को सजा हो सकती है। वर्ष 2012 में ही टीबी को सूचनात्मक रोग घोषित किया गया था। इसके तहत टीबी के मरीज की सूचना नोडल अधिकारी और स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ साझा करना जरूरी है। हालांकि अभी तक इस मामले में दोषियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई या सजा का प्रवाधान नहीं था।
यदि अगर डॉक्टरों के द्वारा टीबी मरीज की जानकारी नोडल अधिकारी या स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ साझा नहीं की जा सकती हो तो संबंधित डॉक्टर, अस्पताल प्रबंधन और दवा दुकानदार पर कार्रवाई होगी। उन्हें आईपीसी की धारा 269 और 270 के तहत छह माह से लेकर दो साल तक की सजा और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।