
जेडएसएल और गुजरात वन विभाग ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए समझौता किया |
0000-00-00 : जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन (ZSL) और गुजरात वन विभाग ने एशियाई शेरों और उनके निवास स्थान के संरक्षण के लिए 26 फरवरी 2015 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया | इस समझौता ज्ञापन पर ZSL के महानिदेशक राल्फ अर्मान्ड ने अनमोल शेरों के भविष्य की रक्षा हेतु समर्थन देने के वचन के साथ हस्ताक्षर किए | ZSL के अलावा, भारतीय वन्यजीव संस्थान शेरों के संरक्षण हेतु वन विभाग का ज्ञान भागीदार होगा | समझौते की मुख्य बातें : (i). चिड़ियाघर के प्रबंधन में विशेषज्ञता के साथ ZSL वन विभाग को तकनीकी सहायता मुहैया कराने के साथ– साथ बचाव ऑपरेशनों और उपचार केंद्रों के रख– रखाव में भी सहायता प्रदान करेगा | (ii). वन गार्डों को प्रशिक्षित करने के लिए ZSL पशुपालन और विशेषज्ञ पशु चिकित्सक भी मुहैया कराएगा| (iii). यह जूनागढ़ के शक्कारबाग चिड़ियाघर के प्रबंधन में मदद करेगा | (iv)गुजरात वन विभाग और ZSL द्वारा संयुक्त रूप से विकसित स्मार्ट सॉफ्टवेयर का गुजरात वन विभाग अपने कर्मचारियों और शेरों की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए करेगा | इससे पहले 2014 में पहली बार धन उगाही करने वाले कार्यक्रम की शुरुआत जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन ने की थी | इसने लायंस 400 फंडरेजिंग कैंपेन के लिए दान का शुभारंभ किया और एशियाई शेरों को बचाने के लिए मदद करने हेतु 135000 पाउंड से अधिक की धनराशि उगाही| आज, एशियाई शेरों की आबादी गिर के जंगलों तक सिमट कर रह गई है| इनकी कुल संख्या 400 है | वे बीमारी और मानवीय संघषों के खतरों से जूझ रहे हैं | साल 1826 में स्थापत, जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन (ZSL) एक अंतरराष्ट्रीय, वैज्ञानिक और शैक्षणिक सहायतार्थ संगठन है जिसका मिशन है दुनिया भर में पशुओं और उनके प्राकृतिक निवास के संरक्षण को बढ़ावा देना और उसे प्राप्त करना | यह 50 से अधिक देशों और अपने दो चिड़ियाघरों – ZSL लंदन जू और ZSL ह्विप्सनेड जू में सक्रिए संरक्षण परियोजनाएं चला रहा है |