
ISRO ने GSAT-6A सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया
2018-03-29 : हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 29 मार्च 2018 को GSAT-6A सैटेलाइट लॉन्च किया। इस सैटेलाइट को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष सेंटर से लॉन्च किया गया। यह सैटेलाइट अगले 10 वर्ष तक काम करेगा। इसे जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी-एफ08) से भेजा गया। यह इस प्रक्षेपण यान की 12वीं उड़ान है। इसरो ने कहा कि उपग्रह की एक मुख्य बात मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिये भारत को मोबाइल संचार प्रदान करना है।
GSAT-6A सैटेलाइट की विशेषताएं इस प्रकार है....
# इसरो द्वारा तैयार आई-2के बस जिससे सैटेलाइट को 3119 वॉट पावर हासिल होती है।
# इसमें एक छह मीटर व्यास वाला एंटीना लगाया गया है। सैटेलाइट में लगने वाले सामान्य एंटीना से तीन गुना चौड़ा है।
# इसमें एक एस-बैंड भी मौजूद है, यह बैंड 4-जी सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मौसम की जानकारी देने वाले रडार, शिप रडार, कम्युनिकेशन सैटेलाइट में भी इस्तेमाल होता है।
# GSAT-6A सैटेलाइट सेना को मोबाइल कम्युनिकेशन में मदद करेगा। इसे विशेष रूप से सेना के इस्तेमाल के हिसाब से तैयार किया गया है।
# यह सैटेलाइट 270 करोड़ रुपए की लागत से बना है।
GSLV रॉकेट की विशेषताएं इस प्रकार है....
# GSLV तीन चरणों वाला रॉकेट है जिसमें एक ठोस रॉकेट मोटर चरण, एक पृथ्वी संग्रहणीय तरल चरण तथा एक क्रयोजनिक चरण का उपयोग होता है।
# यह भारत ऐसा का पहला उपग्रह है जिसे उपग्रह अधारित दूरशिक्षा के लिए शिक्षाक्षेत्र की सेवा में समर्पित किया गया।