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3 न्यायधीशों ने सुप्रीम कोर्ट न्यायधीश पद की शपथ ग्रहण की

3 न्यायधीशों ने सुप्रीम कोर्ट न्यायधीश पद की शपथ ग्रहण की


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2018-08-07 : हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट में 07 अगस्त 2018 को तीन न्यायधीशों ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों के रूप में शपथ ग्रहण की। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने अपने अदालत कक्ष में आयोजित पारंपरिक समारोह में जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस के एम जोसेफ को पद की शपथ दिलाई। इन तीन न्यायधीशों की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में कुल न्यायधीशों की संख्या 25 हो गई है जबकि सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या 31 है। पाठकों को बता दे की न्यायधीश इंदिरा बनर्जी सुप्रीम कोर्ट के 68 वर्ष के इतिहास में आठवीं महिला जज बनी हैं। सुप्रीम कोर्ट में पहली बार एक साथ तीन महिला न्यायधीश होंगी। इससे पहले एक समय में अधिकतम दो महिला जज ही सुप्रीम कोर्ट में रही हैं।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी के बारे में :-

# जस्टिस इंदिरा बनर्जी को 05 फरवरी 2002 को कलकत्ता उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

# उन्हें 08 अगस्त 2016 को उनका दिल्ली उच्च न्यायालय में तबादला कर दिया गया था।

# जस्टिस इंदिरा बनर्जी को 05 अप्रैल 2017 को पदोन्नत कर मद्रास उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया और तब से वह इसी पद पर काम कर रही थीं।

# वह देश में उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की वरिष्ठता के क्रम में चौथे स्थान पर आती हैं।

जस्टिस विनीत सरन के बारे में :-

# जस्टिस विनीत सरन को 14 फरवरी, 2002 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

# उनका 16 फरवरी 2015 को कर्नाटक उच्च न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया गया था।

# विनीत सरन को 26 फरवरी 2016 को ओडिशा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था तथा वे तब से इसी पद पर कार्यरत थे।

# विनीत सरन उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की वरिष्ठता के क्रम में पांचवें स्थान पर हैं।

जस्टिस के एम जोसेफ के बारे में :-

# जस्टिस के एम जोसेफ ने 31 जुलाई 2014 को उत्तराखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की थी।

# 17 जून 1958 को जन्मे जस्टिस केएम जोसेफ की प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय कोच्चि तथा बाद में नई दिल्ली के लोयोला कॉलेज चेन्नई तथा गर्वमेंट लॉ कालेज ऐरनाकुलम से हुई थी।

# उन्होंने सिविल और अन्य वादों में पैरवी के साथ अपना कैरियर शुरू किया। जस्टिस जोसेफ ने 1983 को केरल हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी।

# वे वहां के हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के स्थायी सदस्य भी रहे। केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति 14 अक्तूबर 2004 को हुई थी।

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