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भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास ‘जेआईएमईएक्स18’ विशाखापत्तनम में शुरू हुआ

भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास ‘जेआईएमईएक्स18’ विशाखापत्तनम में शुरू हुआ


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2018-10-08 : हाल ही में, भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय समुद्री युद्धाभ्यास (जेआईएमईएक्स) 07 अक्टूबर 2018 को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में शुरू हुआ है। यह युद्धाभ्यास 15 अक्टूबर 2018 तक चलेगा। इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल के जहाज कागा और इनाजुमा आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में पहुंचे हैं। यह भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के जहाजों के साथ जापान-भारत सामुद्रिक अभ्यास (जेआईएमईएक्स) के तीसरा संस्करण है। भारतीय युद्धपोत पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग, रियर एडमिरल दिनेश के। त्रिपाठी के अधीन युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।

यह युद्धाभ्यास का लक्ष्य दोनों बलों की अंतरसंचालन क्षमता बढ़ाना, सर्वश्रेष्ठ परंपराओं को समझना है। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाना है। कागा इजुमो श्रेणी का हेलीकॉप्टर विध्वंसक है, जबकि इनाजुमा एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक है। ये दोनों एस्कॉट फ्लौटिला-4 के कमांडर, रियर एडमिरल तातसुया फुकादा के अधीन युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना घरेलू स्तर पर निर्मित तीन युद्धपोतों और एक बेड़ा टैंकर के साथ हिस्सा ले रही है।

इन युद्धपोतों में बहुउद्देश्यीय टोही जहाज आईएनएस सतपुड़ा, पनडुब्बीरोधी युद्धपोत आईएनएस कदमत, मिसाइल युक्त लड़ाकू पोत और बेड़ा टैंकर आईएनएस शक्ति शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एक पनडुब्बी, एक पी8आई लंबी दूरी का समुद्री गश्ती विमान और कई हेलीकॉप्टर भी युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रही है। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित जंगी जहाजों एवं एक फ्लीट टैंकर द्वारा किया जा रहा है।

जेआईएमईएक्स18 के बारे में :-

# जेआईएमईएक्स18 का लक्ष्य अंतः सक्रियता बढ़ाना, आपसी समझ को बेहतर करना तथा एक-दूसरे के सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को अपनाना है।

# जेआईएमईएक्स18 आठ दिनों तक चलेगा जिसमें चार-चार दिनों के हार्बर एवं समुद्री चरण शामिल होंगे।

# जेआईएमईएक्स का पिछला संस्करण चेन्नई में दिसंबर 2013 में आयोजित किया गया था। दोनों देशों के बीच यह दूसरा और भारतीय समुद्री सीमा में पहला अभ्यास था।

# दोनों देशों के बीच पहला द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास जापान में जनवरी 2012 में हुआ था। विदित हो कि रक्षा मंत्री एके एंटनी की नवंबर, 2011 में की गई जापान यात्रा के दौरान दोनों देशों में द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास आयोजित करने पर सहमति हुई थी।

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