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भारत की पहली प्राइवेट मानव रहित विमान (UAV)) फैक्ट्री हैदराबाद में आरंभ हुई

भारत की पहली प्राइवेट मानव रहित विमान (UAV)) फैक्ट्री हैदराबाद में आरंभ हुई


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2018-12-18 : हाल ही में, अडानी समूह तथा इज़राइल की कंपनी एल्बिट सिस्टम्स द्वारा संयुक्त रूप से भारत की पहली निजी मानव रहित विमान (यूएवी) निर्माण फैक्ट्री हैदराबाद में आरंभ की गई है। यह देश में इस प्रकार की पहली यूनिट है जिसमें निजी कम्पनियों द्वारा मानव रहित यान बनाए जायेंगे। अडानी एल्बिट अडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड (AEASIL) के साथ मिलकर 12 यूएवी के पहले ऑर्डर को पूरा करेगी। अडानी एल्बिट अडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड इसकी जॉइंट वेंचर है। अडानी द्वारा यह फैक्ट्री चलाने की ट्रेनिंग लेने के लिए अपने 40 से ज्यादा इंजीनियरों को इज़रायल भेजा गया था।

यह फैक्ट्री हैदराबाद के निकट शमशाबाद में अडानी एयरोस्पेस पार्क में शुरू की गयी है। यह फैक्ट्री 50,000 वर्ग फीट क्षेत्र में फैली हुई है, इसका निर्माण अडानी समूह तथा इज़राइली कंपनी एल्बिट सिस्टम्स ने किया है। इस फैक्ट्री में हर्मीज़ 900 UAV तथा हर्मीज 450 UAV के कार्बन कम्पोजिट ढाँचे के निर्माण किया जायेगा। बाद में इस फैक्ट्री में पूर्ण UAV के निर्माण व इंटीग्रेशन का कार्य भी किया जाएगा। वर्तमान में इस फैक्ट्री में निर्माण कार्य किया जायेगा, जबकि UAV का इंटीग्रेशन कार्य इज़राइल में किया जायेगा। जहां उसमें सेंसर और एवियानॉक्स फिट किए जाएंगे। कंपनी की योजना हैदराबाद वाले कारखाने को केवल UAV बनाने तक सीमित रखने की नहीं है और इसे अगले साल अन्य सैन्य साजो-सामान बनाने के लिए अपग्रेड किया जाएगा।

मानव रहित विमान (UAV) के बारे में :-

# मानव रहित विमान एक प्रकार का विमान है जिसे सैन्य अभियानों में शत्रु क्षेत्र की टोह लेने एवं आवश्यकता पड़ने पर आक्रमण करने के लिये उपयोग मे लाया जाता है।

# अन्य क्षेत्रों में इनका उपयोग भूमि एवं सागर के उपर उड़ते हुए सर्वेक्षण करने में भी किया जाता है। चूँकि इन विमानों को रिमोट कंट्रोल के द्वारा नियंत्रित किया जाता इन्हें किसी मानव चालक की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है।

# अपनी विशेषताओं के कारण ही यह टोही विमान के रूप अत्याधिक उपयोग मे लाये जाते हैं। इन विमानों को ड्रोन विमान भी कहा जाता है।

# ड्रोन अंग्रेज़ी का एक शब्द है और इसका अर्थ नर मधुमक्खी होता है।

# ड्रोन और प्रक्षेपास्त्र दोनो ही रिमोट संचालित होते है पर इन दोनों मे मुख्य अंतर यह है की जहाँ मानव रहित विमान को पुनः उपयोग मे लिया जा सकता है, प्रक्षेपास्त्र केवल एक बार के उपयोग के लिये ही होता है।

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