
GST परिषद ने मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण का कार्यकाल 2 साल के लिए बढ़ाया
2019-06-23 : हाल ही में, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (एनएए) का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया है। जीएसटी परिषद ने प्राधिकरण कार्यकाल दो साल के लिए नवंबर 2021 तक बढ़ा दिया है। जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वाली कंपनियों पर दस प्रतिशत तक जुर्माना लगाने की मंजूरी दी है। जीएसटी परिषद की 21 जून 2019 को हुई 35वीं बैठक के बाद राजस्व सचिव ए बी पांडेय ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी नेटवर्क पर पंजीकरण के लिए कंपनियों को आधार के इस्तेमाल की अनुमति देने का भी फैसला किया गया है।
पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में कारोबारियों के साथ-साथ आम जनता को बड़ी राहत दी गई। अब कोई भी नया कारोबारी आधार के जरिए अपना जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कर सकेगा। इसके अतिरिक्त 1 जनवरी 2020 से कारोबारियों को केवल एक पेज का रिटर्न फॉर्म भरना होगा। वहीं मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट को अनिवार्य किया जाएगा।
जीएसटी परिषद के बारे में :-
# वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी काउंसिल) का गठन 15 सितंबर 2016 को किया गया था।
# यह परिषद् देश में जीएसटी कर निर्धारण से सम्बंधित प्रमुख नीति-निर्माता संगठन है।
# यह परिषद् जीएसटी कर दर, कर छूट, कर नियम तथा कर डेडलाइन इत्यादि का निर्धारण करती है।
# जीएसटी परिषद् के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री हैं।
# इसके सदस्य के रूप में वित्त राज्य मंत्री के साथ साथ राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या प्रतिनिधि शामिल हैं।
# जीएसटी परिषद् की अधिसूचना जारी होने के बाद से परिषद् की पहली बैठक 22-23 सितंबर 2016 को हुई।
# जीएसटी परिषद् में किसी प्रस्ताव के स्वीकृत होने के लिए तीन-चौथाई बहुमत जरूरी है।