
FATF ने श्रीलंका को ग्रे सूची से बाहर किया
2019-10-21 : हाल ही में, वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) ने श्रीलंका को संदिग्ध सूची से बाहर कर दिया है। आंतकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन एफएटीएफ ने इस सूची से श्रीलंका से बाहर कर दिया है। कोलंबो गजट ने 19 अक्टूबर 2019 को अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया और कहा कि श्रीलंका अब एफएटीएफ की निगरानी के अधीन नहीं होगा। पाठकों को बता दे की आतंकवाद को फंडिंग तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के वजह से श्रीलंका को साल 2016 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के बारे में :-
# फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) एक अंतर-सरकारी संस्था है।
# यह संस्था साल 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग तथा आतंकी फंडिंग को रोकने समेत अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने हेतु स्थापित किया गया है।
# एफएटीएफ का वर्ष 2001 में इसका कार्यक्षेत्र विस्तारित किया गया था।
# इस विस्तार में आतंकवाद को धन मुहैया कराने के विरुद्ध नीतियाँ बनाना भी इसके कार्यक्षेत्र में शामिल कर लिया गया था।
ग्रे सूची के बारे में :-
# उन देशों को ग्रे सूची में डाला जाता है, जो काले धन को वैध बनाने तथा आतंकी फंडिंग के लिए जाने जाते है।
# ग्रे सूची में डाले गए देशों के ब्लैक लिस्ट होने का भी खतरा बना रहता है।
# ग्रे सूची में डालने के बाद उस देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थानों तथा देशों से ऋण प्राप्त करने में बहुत बड़ी समस्या आती है।
# ग्रे सूची में डालने के बाद देश को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कमी आती है और अर्थव्यवस्था भी कमजोर होते जाती है।