
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट रखा गया
2020-06-04 : हाल ही में, केंद्र सरकार ने 03 जून 2020 को कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास करने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। 25 फरवरी 2020 को हुई बैठक में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने कोलकाता पोर्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट रखने का प्रस्ताव रखा था। बता दे की PM मोदी ने कोलकाता बंदरगाह की 150वीं जयंती के उद्घाटन समारोह के अवसर पर 12 जनवरी 2020 को कोलकाता बंदरगाह का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक श्याामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा की थी।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में :-
# डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी।
# डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 06 जुलाई 1901 को कलकत्ता में हुआ था।
# डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जवाहर लाल नेहरू कैबिनेट में उद्योग और आपूर्ति मंत्री थे।
# उन्होंने नई राजनीतिक पार्टी भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी।
# डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पिता आशुतोष मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के संस्थापक उपकुलपति थे। उनके निधन के बाद केवल 23 वर्ष की अवस्था में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को विश्वविद्यालय की प्रबन्ध समिति में ले लिया गया।
# डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी 33 वर्ष की अल्पायु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। वे इस पद पर नियुक्ति पाने वाले विश्व के सबसे कम आयु के कुलपति थे।
कोलकाता पोर्ट के बारे में :-
# कोलकाता बंदरगाह एक प्रमुख बंदरगाह होने के साथ-साथ नदी के किनारे स्थित देश का पहला बंदरगाह है।
# कोलकाता पोर्ट की गिनती देश के सबसे बड़े बंदरगाह में होती है।
# ये बंदरगाह ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है।
# 17 अक्टूबर 1870 से ही ये ट्रस्ट के तहत है।
# कोलकाता पोर्ट को 150 साल पूरे हो चुके हैं।
# इस यात्रा में यह व्यापार, वाणिज्य और आर्थिक विकास के लिए भारत का प्रवेश द्वार रहा है।