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 कैलिफोर्निया ने असाध्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए इच्छा म्रत्यु के अधिकार को कानून बनाया |

कैलिफोर्निया ने असाध्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए इच्छा म्रत्यु के अधिकार को कानून बनाया |


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0000-00-00 : कैलिफोर्निया राज्य के गवर्नर जेरी ब्राउन ने 5 अक्टूबर 2015 को असाध्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को कानूनी रूप से इच्छा म्रत्यु की अनुमति दे दी। जेरी ब्राउन के इस बिल पर हस्ताक्षर के बाद इसे कानून का दर्जा मिल गया। और इसके साथ ही कैलिफोर्निया संयुक्त राज्य अमेरिका का पांचवां ऐसा राज्य बन गया, जहां असाध्य रोगों से ग्रस्त व्यक्ति कानूनी रूप से अपने जीवन को समाप्त कर सकते हैं।

इससे पहले यह कानून संयुक्त राज्य अमेरिका के चार राज्यों ओरेगन, वाशिंगटन, वरमोंट और मोंटाना में मान्य था। बिल आंशिक रूप से कैलिफोर्निया निवासी असाध्य रोग से ग्रस्त महिला के मामले से प्रेरित है। जिसे इच्छा म्रत्यु के लिए ओरेगन ले जाया गया और महिला ने ओरेगन राज्य के क़ानून की सहायता से इच्छा म्रत्यु प्रणाली को अपनाया। ओरेगन ने पहली बार 1994 में इच्छा म्रत्यु प्रणाली को मंजूरी दी, हालांकि जीवन समाप्त करने की दवाएं मरीज को देने से पहले दो चिकित्सकों से राय ली जानी चाहिए, जो यह बता सके कि मरीज छह महीने से कम समय तक ही जिन्दा रह सकता है और फैसला लेने के मानसिक रूप से स्वस्थ हैं।

इच्छा म्रत्यु सम्बन्धी विधेयक कैलिफोर्निया के सांसदों द्वारा 2007 के बाद पहली बार 2015 में पेश किया गया। सांसदों का ध्यान इस बिल पर 29 वर्षीय ब्रिटनी मेनार्ड निवासी सेन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र की महिला के बहुप्रचारित मामले के बाद गया। यह महिला असाध्य रोग मस्तिष्क कैंसर से पीड़ित थी और 2014 में खुद को कानूनी रूप से मारने (इच्छा म्रत्यु) के लिए ओरेगन चली गई।

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