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दो नए चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए

दो नए चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए


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2024-03-16 : हाल ही में, 1988 बैच के आईएएस ज्ञानेश कुमार (IAS Gyanesh Kumar) और 1998 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सुखबीर संधू (Sukhbir Singh Sandhu) को नए चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। आपको बता दे की इन दोनों रिटायर्ड IAS ऑफिसर्स ने अनूप चंद्र पाण्डेय और अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद यह पदभार ग्रहण किया है। इस प्रकार दोनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम पूरी हो गई है। ध्यान रहे की वर्तमान समय में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार हैं।

About Election Commission of India In Hindi -



◉ इस आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी।

◉ यह भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव सम्पन्न कराने वाली शीर्ष संस्था है।

◉ इस आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

◉ यह संस्‍था भारत में लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराती है।

◉ इस आयोग के स्थापना दिवस को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मतदान करना क्यों है जरूरी?



जैसा की हम सब जानते है की चुनाव में नागरिकों द्वारा किये गए गुप्त मतदान की गिनती की जाती है, जिसे मतगणना कहते है। यहाँ जिस प्रतिनिधि को अधिक मत प्राप्त होते है, उसे चुनाव आयोग के द्वारा विजयी घोषित किया जाता है। यदि आपने मतदान नहीं किया तो संभावना होती है, की आयोग्य प्रतिनिधि जीत कर संसद या विधान सभा पहुंच जाता है, जहाँ पर वह गलत कानून का समर्थन देकर कानून को पास करवा देता है।

जिससे मतदान करने वाला व्यक्ति और मतदान न करने वाला व्यक्ति दोनों ही प्रभावित होते है। इसलिए देश और राज्य के प्रशासन को सही हाथों में देने के लिए मतदान करना आपके लिए अति आवश्यक है।

कौन दे सकता है वोट?



भारत के संविधान के मुताबिक, जो भारत का नागरिक है और जिसकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा है। बिना किसी भेदभाव या सिटीजनशिप एक्ट के तहत इन लोगों को वोटिंग अधिकार दिया जाता है। इसके अलावा जिन एनआरआई (NRI) के पास इंडियन पासपोर्ट होता है, उन्हें भी वोट देने का अधिकार होता है। 18 साल का होने पर व्यक्ति को मताधिकार प्राप्त हो जाता है।

इसके बाद वह सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में वोट डाल सकता है। सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में हर साल उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी।

अपील :



EduRelation की आपसे यहीं अपील है की आप कभी भी अपना बहुमूल्य वोट धर्म, जाति और समुदाय के नाम पर ना दें। वैसे तो सुप्रीम कोर्ट प्रत्याशी या उसके समर्थकों के धर्म, जाति, समुदाय, भाषा के नाम पर वोट मांगना गैरकानूनी समझता है। क्योंकि चुनाव एक धर्मनिरपेक्ष पद्धति है। इस आधार पर वोट मांगना संविधान की भावना के खिलाफ है। इसलिए लोकतंत्र को बचाने की कोशिश में अपना कर्तव्य हमेशा याद रखें।

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