
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने "17 मेगा फूड पार्क" को मंजूरी प्रदान की |
0000-00-00 : खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 24 मार्च 2015 को 17 मेगा फूड पार्क (MFPs) को मंजूरी प्रदान की | फूड पार्क के निर्माण का उद्देश्य खाद्य अपव्यय को कम करने और मूल्यवर्द्धन बनाने हेतु खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देना है | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय विवरण : देश के 11 राज्यों के 17 समुचित प्रस्तावों का चयन किया गया | केरल, तेलंगाना, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में दो-दो मेगा फूड पार्क मंजूर किए गए और ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार में एक-एक मेगा फूड पार्क को मंजूरी प्रदान की गई | 17 नव चयनित मेगा फूड पार्कों से अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे में लगभग 2000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने का अनुमान है | इसी तरह पार्कों में स्थित 500 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में तकरीबन 4000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सामूहिक निवेश आकर्षित होने का अनुमान है | 17 मेगा फूड पार्कों पर 2300 करोड़ रुपये की लागत आएगी | इसमें से 850 करोड़ रुपये केंद्र सरकार अनुदान के रूप में देगी , साथ ही चार हजार करोड़ रुपये का निवेश इन पार्कों में लगने वाली फूड प्रोसेसिंग इकाइयां करेंगी | इन पार्कों के पूरी तरह से कार्यरत हो जाने पर लगभग 80000 लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे और इनसे लगभग 5 लाख किसान प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लाभान्वित होंगे | देश भर में स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा अब तक 42 मेगा फूड पार्कों को मंजूरी दी गई | वर्तमान में 25 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं | मेगा फूड पार्क योजना (MFPs) के बारे में : यह योजना यूपीए सरकार द्वारा वर्ष 2008 में शुरू की गई थी | मेगा फूड पार्क योजना का उद्देश्य एक ऐसा आधार तैयार करना है जिसमें किसानों, प्रक्रमकों, खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादों को बाजार से जोड़ना है ताकि उत्पादों का अधिकतम मूल्य, उत्पादों की कम-से-कम बर्बादी, किसानों की आय में वृद्धि एवं सभी क्षेत्रों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके | न्यूनतम 50 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किये जाने वाला मेगा फूड पार्क क्लस्टर आधारित अवधारणा के तहत काम करता है | केंद्र सरकार एक मेगा फूड पार्क स्थापित करने हेतु 50 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करता है |