
‘संजय वत्स्यायन’ बने भारतीय नौसेना के 47वें उप प्रमुख
2025-08-05 : हाल ही में, वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन (Sanjay Vatsayan) ने नौसेना के नए उप प्रमुख के रूप में पदभार संभाला है। आपको बता दे की 01 जनवरी 1988 को शामिल हुए गनरी और मिसाइल प्रणालियों के विशेषज्ञ माने जाने वाले वात्स्यायन ने वाइस एडमिरल "कृष्णा स्वामीनाथन" का स्थान लिया है। अपने अब तक के करियर के दौरान संजय ने परिचालन, स्टाफ और प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
जिनमें मिसाइल पोत आईएनएस विद्युत और आईएनएस विनाश, मिसाइल कार्वेट आईएनएस कुलिश, मार्गदर्शक मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मैसूर और विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य की कमान आदि शामिल है।
About Indian Navy In Hindi -
भारतीय नौसेना देश की सैन्य ताकत का बहुत अहम हिस्सा है। यह देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभाती है। इसके अलावा भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी भारतीय नौसेना का अहम योगदान है। वर्तमान में भारतीय नौसेना अपने विशालकाय और एडवांस फीचर से लैस युद्धक पोतों, सबमरीन्स के बलबूते दुनिया भर में चौथे स्थान पर आती है।
भारतीय नौसेना की स्थापना साल 1612 में किया गया था। उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी की समुद्री सेना के रूप में एक सेना का गठन किया। इसके बाद साल 1686 तक ब्रिटिश व्यापार पूरी तरह से बॉम्बे में स्थानांतरित हो गया।
फिर इसके बाद इस दस्ते का नाम ईस्ट इंडिया मरीन से बदलकर "बॉम्बे मरीन (Bombay Marine)" कर दिया गया। बॉम्बे मरीन ने मराठा, सिंधि युद्ध के साथ-साथ साल 1824 में बर्मा युद्ध में भी हिस्सा लिया। जिसे बाद में रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया। भारत की स्वतंत्रता के बाद, नौसेना को वर्ष 1950 में फिर से गठित किया गया और इसका नाम बदल कर भारतीय नौसेना कर दिया गया।