भारत के “एजुकेट गर्ल्स एनजीओ” को मिला Ramon Magsaysay Award 2025
2025-11-13 : हाल ही में, एजुकेट गर्ल्स Ramon Magsaysay Award 2025 जीतने वाली पहली भारतीय संस्था बनी है। आपको बता दे की इस पुरस्कार को "एशिया का नोबेल" भी कहा जाता है जो भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। एजुकेट गर्ल्स की स्थापना 2007 में सफीना हुसैन ने की थी, जो लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की स्नातक हैं।
यह संस्था उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार के 30,000 से अधिक गांवों में सक्रिय है। अब तक संस्था ने 20 लाख से अधिक बालिकाओं को स्कूल से जोड़ने और 24 लाख बच्चों को शैक्षिक सहायता देने का कार्य किया है।इस संस्था का मुख्य उद्देश्य गाँव गाँव में स्कूल न जाने वाली लड़कियों की पहचान करना, शिक्षित करना व शिक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना है।
Ramon Magsaysay Award 2025 Winner इस संस्था का अगला लक्ष्य वर्ष 2035 तक 1 करोड़ छात्रों को अपनी सेवाओं से लाभान्वित करना है। संस्था की सीईओ और संस्थापिका ने यह सम्मान उन बालिकाओं, अभिभावकों, शिक्षकों और वालंटियर्स को समर्पित किया, जो लड़कियों की शिक्षा के लिए लगातार संघर्षरत हैं।
About Ramon Magsaysay Award In Hindi-
‣ इसे "एशिया का नोबेल पुरस्कार" भी कहा जाता है, एशिया का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।
‣ यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता, नेतृत्व, निःस्वार्थ सेवा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए असाधारण योगदान दिया हो।
‣ इस पुरस्कार का नाम फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे के नाम पर रखा गया है, जो सार्वजनिक सेवा की ईमानदारी और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास के लिए जाने जाते थे।
‣ यह पुरस्कार रेमन मैग्सेसे अवार्ड्स फाउंडेशन (Ramon Magsaysay Award Foundation) द्वारा प्रदान किया जाता है।
‣ यह पुरस्कार न केवल एक सम्मान है, बल्कि एशिया में सामाजिक परिवर्तन और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए समर्पित लोगों के संघर्ष और सफलता का एक प्रतीक है।