
असम में लुमडिंग से सिलचर तक की पहली मालगाड़ी चलायी गयी |
0000-00-00 : रेल मंत्री "सुरेश प्रभु (Suresh Pabhu) " ने 27 मार्च 2015 को असम में लुमडिंग से सिलचर तक की पहली मालगाड़ी को रवाना किया | उन्होंने नई दिल्ली में एक समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेन को रवाना किया | प्रभु ने लुमडिंग-सिलचर गेज कन्वर्जन परियोजना में शामिल लोगों के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की | यह परियोजना पूर्वोत्तर राज्यों में रेल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में सहायक होगी | लुमडिंग-सिलचर ब्रॉड गेज के अलावा, केंद्र सरकार की वर्ष 2020 तक पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों की राजधानियों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की योजना है | इस रेल की परियोजनाऐं निम्न रूप से है : (i) बदरपुर-कुमारघाट परियोजना (118 किलोमीटर) | (ii) अरूणाचल-जिरीबाम (50 किलोमीटर) | (iii) बरेगाम- दुलाबचेरा (29 किलोमीटर) | (iv) करीमगंज बाईपास सहित करीमगंज-महीसाना (13.50 किलोमीटर) | >>लुमडिंग-सिलचर सेक्शन के बारे में कुछ तथ्य : 210 किलोमीटर लुमडिंग-सिलचर गेज कन्वर्जन सेक्शन असम की बराक घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है | इसके निर्माण में 3500 करोड़ रुपये की लागत आई थीं | ब्रॉड गेज लाइन के अंतर्गत 21 सुरंगें, 79 बड़े पुल और 340 छोटे पुल, 28 स्टेशन और चार हॉल्ट स्टेशन शामिल हैं | लुमडिंग शहर असम के नागांव जिले में स्थित है जबकि, सिलचर असम के कछार जिले का मुख्यालय है और गुवाहाटी के दक्षिण पूर्व में 343 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |