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नोबेल पुरस्कार विजेता व जर्मन उपन्यासकार गुण्टर ग्रास का निधन |

नोबेल पुरस्कार विजेता व जर्मन उपन्यासकार गुण्टर ग्रास का निधन |


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0000-00-00 : नोबेल पुरस्कार विजेता जर्मन उपन्यासकार गुण्टर ग्रास का जर्मनी के ल्यूबेक में 13 अप्रैल 2015 को निधन हो गया, वे 87 वर्ष के थे | और वे एक उपन्यासकार, कवि, नाटककार, चित्रकार, ग्राफिक कलाकार, मूर्तिकार तथा वर्ष 1999 के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता भी थे | एवं उनके लेख मुख्यतः नाजी युग की भयावहता तथा जर्मनी की हार के बाद विनाश और अपराध पर आधारित हैं | गुण्टर ग्रास : उन्होंने वर्ष 1950 में लेखन आरंभ किया तथा वे वर्ष 1959 में प्रकाशित अपने पहले उपन्यास टिन ड्रम के लिए जाने जाते हैं | उनके इस उपन्यास पर इसी नाम से फिल्म भी बन चुकी है जिसे वर्ष 1979 में पाल्मे डी’ओर तथा सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ | वे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मन सेना में कार्यरत थे तथा 1945 और 1946 के बीच जेल में कैद रहे | उन्होंने डसलडॉर्फ़ और बर्लिन में 1948 से 1956 के दौरान मूर्ति कला का अध्ययन किया | तथा उनका जन्म फ्री सिटी ऑफ देंज़िंग (अब पोलैंड में डांस्क के नाम से) में 16 अक्टूबर 1927 को हुआ. उनकी रचनाएं इस प्रकार है - टिन ड्रम - 1959 , कैट एंड माउस – 1961 , डॉग इयर्स – 1965 , दि रैट – 1986 , दि कॉल ऑफ दि टॉड – 1992 , टू फार अ फील्ड – 2000 , माई सेंचुरी – 1999 , क्रैबवॉक - 2002. उनकी कविताएं इस प्रकार है : लेत्ज़े तेन्ज़े – 2003 , डमर अगस्त – 2007 , ग्लिएसड्रिक – 1960 , ऑसजेफ्रग्त – 1967 | उनकी संस्मरण इस प्रकार है : पीलिंग दि अनियन – 2006 , डाई बॉक्स – 2010 , ग्रिम्स वोर्टर – 2010

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