असम में गैंडे के सींगों के सत्यापन की प्रक्रिया आरंभ की गयी
2016-08-12 : हाल ही में, असम सरकार ने 11 अगस्त 2016 गैंडे के सींगों के सत्यापन की प्रक्रिया आरंभ की। इन्हें वर्ष 1980 से विभिन्न स्थानों पर सहेज कर रखा गया था। इस कार्य हेतु सरकार ने सींग सत्यापन समिति का गठन भी किया। बारह सदसीय इस समिति की अध्यक्षता पूर्व वन अधिकारी और असम के पूर्व राज्य सूचना आयुक्त, मोहन चंद्र मलकर कर रहे हैं। वे गैंडे के सींग के सत्यापन हेतु उत्तरदायी अधिकारी होंगे। सत्यापित किये जाने वाले इन सींगों को पिछले तीन दशकों से संभाल कर रखा गया है।
समिति के अन्य सदस्यों में चार वन्यजीव विशेषज्ञ, दो मीडियाकर्मी, एक आरटीआई कार्यकर्ता, एक फोरेंसिक वैज्ञानिक तथा राज्य वन विभाग के चार प्रतिनिधि शामिल होंगे। जारी किये गये निर्देशों के अनुसार, सींगों के सत्यापन एवं शोध के बाद समिति 60 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। गैंडों के यह सींग असम के 12 स्थानों पर विद्यमान हैं जिनमें सबसे अधिक गोलाघाट, नागांव, गुवाहाटी एवं तेजपुर क्षेत्र में मौजूद हैं।
सत्यापन प्रक्रिया में इन सींगों की सत्यता के प्रमाण ढूंढना, गैंडों को सुरक्षा प्रदान करना तथा असम सरकार को वर्तमान स्थिति से अवगत कराना है। असम के गोलाघाट में सरकारी निगरानी में सबसे अधिक सींग रखे गये हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सभी सींग काज़ीरंगा नेशनल पार्क से लिए गये हैं। जांच के लिए लाये गये सींगों को कड़ी सुरक्षा में गोलाघाट तक लाया गया। यहां विशेषज्ञों द्वारा इनकी जांच की जाएगी। किसी भी संशय की स्थिति में उस सींग को राज्य फोरेंसिंक प्रयोगशाला में भेजा जायेगा।