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सीसीईए ने कच्ची चीनी उत्पादन के विपणन के लिए प्रोत्साहन योजना जारी रखने को मंजूरी दी.
0000-00-00 : आर्थिक मामलों के मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने वर्ष 2014– 15 के वर्तमान चीनी मौसम (अक्टूबर– सितंबर) के दौरान कच्ची चीनी उत्पादन के विपणन और प्रोत्साहन सेवाओं के लिए प्रोत्साहन योजना जारी रखने की मंजूरी 19 फरवरी 2015 को प्रदान की. यह मंजूरी चीनी के 14 लाख मीट्रिक टन कच्चे उत्पादन के लिए दी गई है.सीसीईए ने वर्ष 2014– 15 के चीनी मौसम के लिए 4000 रुपए प्रति मीट्रिक टन की एक समान निर्यात सब्सिडी दर भी तय की है जो कि वर्ष 2014 को अगस्त– सितंबर अवधि में निर्धारित 3371 रुपये प्रति टन के लिहाज से बहुत अधिक है. इसके अलावा उन मिलों में जहां शराब उत्पादन करने की क्षमता है, अगर वे अपने वार्षिक शराब उत्पादन स्तर का 25 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (ईबीपी) के तहत तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को इथेनॉल की आपूर्ति करने का प्रस्ताव देते हैं तो यह प्रोत्साहन उनके लिए भी होगा. इस फैसले से चीनी मिलों को किसानों को गन्ने का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी. इससे पहले वर्ष 2013 में यूपीए सरकार ने पैसों की कमी से जूझ रहे उद्योग को मदद पहुंचाने और किसानों को गन्ने की कीमतें अदा करने में मदद करने के लिए 4 मिलियन टन तक कच्ची चीनी के निर्यात के लिए सब्सिडी की घोषणा की थी. हालांकि सब्सिडी योजना सितंबर 2014 में खत्म हो गई क्योंकि एनडीए सरकार ने वर्तमान विपणन वर्ष में योजना का विस्तार नहीं किया.