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प्रसिद्ध लेखक दयानंद अनंत का निधन

प्रसिद्ध लेखक दयानंद अनंत का निधन


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2016-10-13 : हाल ही में, उत्तराखंड के प्रसिद्ध लेखक एवं साहित्यविद् दयानंद अनंत का 13 अक्टूबर 2016 को 88 वर्ष की अवस्था में नैनीताल के भवाली में निधन हो गया। साहित्यविद् दयानंद अनंत का जन्म 1929 में नैनीताल हुआ। उनकी माता का नाम सावित्री देवी और पूर्णानंद ढौडियाल पिता थे। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गोशाला स्थित प्राथमिक विद्यालय नैनीताल और सीआरएसटी नैनीताल से और लखनऊ से उच्च शिक्षा ग्रहण की। उत्तराखंड के प्रख्यात लेखक अनंत ने लघु कथा पुस्तकें, तीन उपन्यास और पांच टेलीविजन नाटकों के अलावा कई कामिक भी लिखे।

स्व. अनंत सक्रिय लेखक, संपादक और सामाजिक चिंतक थे। उन्होंने अनेकों कथाओं का अन्य भाषाओं से हिंदी में अनुवाद भी किया। अनंत ने रूसी दूतावास में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में काम किया था। उन्होंने 1980 में दिल्ली से ‘पर्वतीय टाइम्स’ अखबार निकाला और एक दशक तक उसके संपादक रहे।

उन्हें कई सम्मानों से सम्मानित किया गया। 30 अक्तूबर 2011 को उन्हें राम प्रसाद घिल्डियाल पहाड़ी फाउंडेशन इलाहाबाद, 9 नवंबर 2005 को उत्तराखंड संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद देहरादून, 14 नवंबर 2010 को पहाड़ रजत सम्मान, 6 जून 2006 को समिति सम्मान, 25 मार्च 2006 को उमेश डोभाल स्मृति सम्मान और वर्ष 2011 में नंदा देवी महोत्सव सम्मान से उन्हें सम्मानित किया गया।

दयानंद अनंत के नैनीताल से अत्यधिक प्रेम के कारण उन्होंने वर्ष 1993 में उन्होंने भवाली के समीप कहलक्वीरा में एक छोटा सा मकान बनवाया। मूल रूप से चौखुटा पौड़ी के रहने वाले स्व। अनंत वर्ष 1997 से वह लगातार यहां रह रहे थे।कथाकार स्व। अनंत की 75 से 80 कहानियों युक्त पुस्तक समग्र कथा साहित्य का विमोचन नहीं हो सका।

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