
वर्ल्ड दिस वीक आर्काइव दिल्ली सरकार ने नौकरशाहों की वित्तीय शक्तियों में वृद्धि करने का निर्णय लिया
0000-00-00 : दिल्ली में बनी आम आदमी पार्टी की सरकार ने 11 मार्च 2015 को शीर्ष नौकरशाहों को दी गई वित्तीय शक्तियों को बढ़ाने का फैसला किया है. यह निर्णय सभी विभागों की दक्षता बढ़ाने के लिए और कुछ परियोजनाओं को ख़त्म करने के लिए लिया गया. प्रस्ताव के मुख्य बिंदु : विभागों के प्रमुख (HoDs)और प्रशासनिक सचिव के लिए फंड आवंटन बढ़ाये जाएंगे. हर विभागाध्यक्ष की व्यय सीमा प्रति वर्ष मौजूदा दो लाख रुपये की सीमा से बढ़ाकर प्रति वर्ष 3 लाख रुपए तक किया जाएगा. जबकि सचिवों की व्यय सीमा तीन लाख रुपये मौजूदा से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक की जाएगी | विभागाध्यक्ष को प्रति माह वाहन पर एक लाख रुपये के पारगमन की अनुमति दी जाएगी. वर्तमान में वे किराये के वाहन हेतु 30,000 रुपये तक के पारगमन के पात्र हैं. उन्हें 2 लाख रुपये के पारगमन की सुविधा छोटे कार्यों(रोजमर्रा जरुरत), इमारत के प्रतिदिन और वार्षिक रखरखाव और मरम्मत के लिए मिलेंगे| सचिवों को 10 करोड़ रुपए तक की लागत वाले कार्य और योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए वित्त विभाग से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी. वर्तमान में यह सीमा 5 करोड़ रुपए तक है. वे छोटे कार्यों के लिए 7 लाख रुपये का पारगमन कर सकते हैं. वर्तमान में यह सीमा 5 लाख रुपये तक है| वित्त विभाग की स्वीकृति 10 करोड़ रुपए से 15 करोड़ रुपए के लागत वाली सभी योजनाओं के लिए आवश्यक होगी| इसके अलावा उन सभी योजनाओं को जो 15 करोड़ रुपए से अधिक और 50 करोड़ रुपए तक हों, के लिए राज्यों के वित्त मंत्री की अध्यक्षता में सशक्त वित्त समिति के अनुमोदन की आवश्यकता होगी| 100 करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं के लिए मुख्यमंत्री के अनुमोदन की आवश्यकता होगी और 100 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजना के लिए मंत्रियों की परिषद के अनुमोदन की आवश्यकता होगी.