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ओलिव रिडले कछुए का समुहात्मक बसेरा ओडिशा के गंजम जिले में शुरू |

ओलिव रिडले कछुए का समुहात्मक बसेरा ओडिशा के गंजम जिले में शुरू |


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0000-00-00 : समुद्री कछुए ओलिव रिडले (Lepidochelys olivacea) लुप्तप्राय प्रजातियों का समुहात्मक बसेरा मार्च 2015 के दूसरे सप्ताह में ओडिशा के गंजम जिले के रुशिकुल्या नदी मुहाने के पास शुरू हो गया | बसेरे के पहले दिन करीब 10000 महिला कछुओं ने 3 किमी लंबी रेतीली समुद्री तट पर चारों ओर गोखाराकुदा से पोदाम्पेता तक अंडे दिए| वन्यजीव विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान लगाया है कि यह अनोखी घटना है जो कुछ और दिनों के लिए जारी रहेगी | ओलिव रिडले के इस समुहात्मक बसेरे को छिटपुट कौवों के द्वारा शिकार किया जा रहा है | यह दुनिया का गाहिरमाथा (यह ओलिव रिडले समुद्री कछुए के लिए दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण समुहात्मक बसेरा) के बाद दूसरा सबसे बड़ा समुहात्मक बसेरा है | ओलिव रिडले के समुहात्मक बसेरे के अन्य प्रसिद्ध स्थानों में ओडिशा तट के देवी नदी के मुहाने हैं | ओलिव रिडले और उसके अंडे को सुरक्षित करने के लिए उठाये गए कदम करीब 100-150 अंडे प्रत्येक महिला कछुआ द्वारा दिए जाते हैं और उनके अण्डों को सुरक्षित करने का कार्य 175 व्यक्तियों (वन कर्मी, वन्यजीव कार्यकर्ताओं और आस-पास के ग्रामीणों) कि सहायता से 24 घंटे किया जाता है. यह संरक्षण अगले 50 दिनों के लिए अंडे सेने तक जारी रहेगा | इस सुरक्षा की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि मादा कछुए 45 से 50 दिन तक अंडे सेने से लेकर बच्चे कछुए उभरने तक इंतजार नहीं करती |

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