केंद्र सरकार ने असम में कृषि व्यापार हेतु विश्व बैंक के साथ ऋण समझौता किया
2017-10-31 : हाल ही में, केंद्र सरकार और विश्वा बैंक ने असम के कृषि व्याषपार और ग्रामीण रूपांतरण परियोजना हेतु 31 अक्टूबर 2017 को 200 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ता क्षर किए। इंटरनेशल बैंक फॉर रिकंसट्रक्शान एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) द्वारा दिए गए इस 200 मिलियन डॉलर के ऋण के लिए सात वर्षों की अनुग्रह अवधि और 16.5 वर्षों की परिपक्वाता अवधि है। इसका मुख्य उद्देश्य है की यह परियोजना असम सरकार को कृषि व्यांपार निवेश व कृषि पैदावर बढ़ाने, बाजार तक पहुंच बढ़ाने तथा छोटे किसानों को बाढ़ और सूखे को सहन करने वाले फसलों की खेती के लिए प्रोत्सारहन प्रदान करने हेतु सहायता प्रदान करेगी।
और इस समझौता पत्र पर भारत सरकार की ओर से वित्ते मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्तव सचिव समीर कुमार खरे व असम सरकार की ओर से प्रधान वित्तत सचिव रवि कोटा तथा विश्वथ बैंक की तरफ से विश्वे बैंक भारत के ऑपरेशंस मैनेजर हिशम एबडो ने हस्तानक्षर किए। वित्ति मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे के अनुसार असम सरकार ने व्याकपार को आसान बनाने, कृषि बाजार और मत्य्म पालन समेत कई नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाया है।
कृषि व्यािपार और ग्रामीण रूपांतरण परियोजना को असम के 16 जिलों में लागू किया जाएगा। इस परियोजना से 5,00,000 छोटे किसानों के परिवार लाभान्वित होंगे। इस परियोजना की गतिविधियों में हिस्सार लेने वालों की कुल संख्या् की 30% महिलाएं होंगी। महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों पर विशेष ध्यांन दिया जाएगा।
विश्वा बैंक भारत के ऑपरेशंस मैनेजर हिशम एबडो के अनुसार असम सरकार का उद्देश्य कृषि आय को दोगुना करना और कृषि क्षेत्र को विकास का स्थांयी स्त्रोगत बनाना है। वरिष्ठृ कृषि विशेषज्ञ और परियोजना के लिए विश्व। बैंक के टीम लीडर मणिवन्नकन पथी के अनुसार बाजार से जुड़ी उत्पा दन प्रणाली और मूल्यठ संवर्धन कृषि क्षेत्र की प्रतिस्प्र्धा बढ़ाने मे महत्वनपूर्ण भूमिका निभाएगा। मौसम के बदलावों का असम के कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में धान की खेती वाले 50% से अधिक कृषि क्षेत्र या तो पानी में डूब जाती है या सूखे का शिकार हो जाती है।