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प्रसिद्ध गीतकार गोपाल दास नीरज का निधन

प्रसिद्ध गीतकार गोपाल दास नीरज का निधन


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2018-07-20 : हाल ही में, हिंदी के सुप्रसिद्ध गीतकार एवं जाने माने कवि पद्मभूषण गोपाल दास ‘नीरज’ का 19 जुलाई 2018 को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। वृद्धावस्था के कारण काफी समय से बीमार चल रहे गोपस दास नीरज की तबियत बिगड़ने पर आगरा के लोटस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी स्थिति लगातार खराब होने पर उन्हें आगरा से एम्स में भर्ती कराया गया था।

गोपाल दास नीरज का जन्म 4 जनवरी 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1942 में एटा से हाई स्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। आरंभ में उन्होंने इटावा की कचहरी में कुछ समय टाइपिस्ट का काम किया उसके बाद सिनेमाघर की एक दुकान पर नौकरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में सफाई विभाग में लिपिक पद पर नौकरी की। इस दौरान उन्होंने वर्ष 1951 में स्नातक और 1953 में प्रथम श्रेणी में हिन्दी साहित्य से स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की।

कवि सम्मेलनों में लोकप्रियता के चलते नीरज को बम्बई के फिल्म जगत ने गीतकार के रूप में नये गीत लिखने का निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। इसके बाद फिल्मों में गीत लेखन का सिलसिला मेरा नाम जोकर, शर्मीली और प्रेम पुजारी जैसी अनेक चर्चित फिल्मों में कई वर्षों तक जारी रहा। उन्हें वर्ष 1991 में पद्मश्री, 1994 में यश भारती, 2007 में पद्मभूषण सम्मान से पुरस्कृत किया गया। गोपाल दास नीरज को फिल्म जगत में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए 70 के दशक में लगातार तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।

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