Forgot password?    Sign UP
राष्ट्रीय खेल दिवस (National sports day) मनाया गया

राष्ट्रीय खेल दिवस (National sports day) मनाया गया


Advertisement :

2019-08-29 : हाल ही में, 29 अगस्त 2019 को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद 115वां जन्मदिन मनाया गया। मेजर ध्यानचंद का आज ही के दिन साल 1905 में इलाहाबाद में उनका जन्म हुआ था। ध्यानचंद ने भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलवाया था। पाठकों को बता दें की उनके सम्मान में 29 अगस्त को प्रत्येक साल भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा ध्यानचंद की जयंती के दिन ही खेल जगत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को खेलों में विशेष योगदान देने हेतु राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इसी दिन सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के अतिरिक्त अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार आदि दिए जाते हैं। इस बार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पैरा ऐथलीट दीपा मलिक और पहलवान बजरंग पूनिया को दिया जाएगा।

ध्यानचंद के के बारे में और अधिक बातें...........

# ध्यानचंद के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनके हॉकी स्टिक से गेंद इस तरह चिपकी रहती कि विरोधी खिलाड़ी को अक्सर ऐसा लगता था कि वह जादुई स्टिक से खेल रहे हैं।

# वे शुरुआती शिक्षा के बाद 16 साल की उम्र में ही भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे। ध्यानचंद का असली नाम ध्यान सिंह था।

# उन्हें सेना में काम करने के वजह से अभ्यास का मौका कम मिलता था। वे इस कारण से चांद की रौशनी में हॉकी की प्रैक्टिस करते थे। उनको चांद की रोशनी में अभ्यास करता देख दोस्तों ने उनके नाम के साथ ‘चांद’ जोड़ दिया, जो बाद में ‘चंद’ हो गया।

# वे एम्सटर्डम में साल 1928 में हुए ओलंपिक में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे थे। उन्होंने यहां कुल 14 गोल कर टीम को स्वर्ण पदक दिलवाया था।

# भारत ने साल 1936 में बर्लिन ओलंपिक में जर्मनी को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। जर्मन तानाशाह हिटलर ध्यानचंद का खेल देख इतना प्रभावित हुआ था कि उनको जर्मनी के लिए खेलने का ऑफर तक दे दिया था।

# ध्यानचंद ने साल 1928, साल 1932 और साल 1936 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। भारत ने तीनों ही बार स्वर्ण पदक जीता था।

# हॉकी में भारत को ध्यानचंद ने जिस मुक़ाम तक पहुंचाया वह मंजिल हासिल करना किसी के लिए आसान नहीं होगा। उनको साल 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

# ध्यानचंद भारतीय सेना में 34 साल की सेवा के बाद 29 अगस्त 1956 को मेजर के रूप में भारतीय सेना से रिटायर हुए थे। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद राजस्थान के माउंट आबू में कोचिंग कैंप में पढ़ाया भी था।

# ध्यानचंद का निधन 03 दिसंबर 1979 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ था। उनके सम्मान में दिल्ली में स्थित नेशनल स्टेडियम को साल 2002 में ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम दिया गया।

Provide Comments :


Advertisement :