
सेबी ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र हेतु दिशा निर्देश जारी किए |
0000-00-00 : पूँजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनियामक बोर्ड(सेबी) ने 22 मार्च 2015 को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र को मंजूरी दी | अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र पर जारी किए गए दिशा निर्देश का लक्ष्य पूंजी बाजार में बुनियादी सुविधाओं जैसे स्टॉक एक्सचेंज, समाशोधन गृह, डिपॉजिटरी सर्विसेज की स्थापना के लिए एक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना है | अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र पर दिए गए दिशा निर्देश निम्नलिखित है : (i) कोई भी भारतीय स्टॉक एक्सचेंज जो सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त हो और कोई भी विदेशी स्टॉक एक्सचेंज जो उस देश में मान्यता प्राप्त हो अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में सहायक स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना कर सकता है | (ii) कोई भी स्टॉक एक्सचेंज 25 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ स्थापित किया जा सकता है | यह पूंजी पहले 100 करोड़ थी | परन्तु 100 करोड़ के इस लक्ष्य को तीन सालों में प्राप्त करना अनिवार्य होगा | (iii) किसी भी क्लियरिंग कॉर्पोरेशन को 50 करोड़ रुपए की पूंजी के साथ स्थापित किया जा सकता है | यह पूंजी पहले 300 करोड़ थी परन्तु 300 करोड़ के इस लक्ष्य को तीन सालों किए अन्दर प्राप्त करना अनिवार्य होगा | (iv) आईएफएससी विशेष आर्थिक क्षेत्र(एसईजेड) अधिनियम 2005 के तहत स्थापित किया जाएगा | (v) अनिवासी भारतीय, विदेशी निवेशक, संस्थागत निवेशक और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत पात्र भारतीय निवासी आईएफएससी में भाग ले सकते हैं | (vi) यह दिशा निर्देशों के 2015-16 के अपने बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप है | (vii) अपने भाषण में उन्होंने पहली आईएफएससी गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी(गिफ्ट) अहमदाबाद में स्थापित करने की घोषणा की थी |