2016-05-20 : विज्ञान पत्रिका दि लैंसेट में 18 मई 2016 को प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक चीन और भारत विश्व भर के एक-तिहाई मानसिक मरीजों का घर हैं। लेकिन इनमें से महज कुछ ही लोगों को चिकित्सीय मदद मिल पाती है। यह अध्ययन ‘चीन-भारत मेंटल हेल्थ अलायन्स सीरीज’ के शुभारम्भ के उपलक्ष्य में जारी की गयी। इस रिसर्च के मुताबिक सबसे अधिक आबादी वाले इन दो देशों में मानसिक रोगियों की संख्या अच्छी आमदनी वाले सारे देशों के कुल मानसिक मरीजों से ज्यादा है। खासकर भारत में यह बोझ आने वाले दशकों में काफी बढ़ता जाएगा। अनुमान के मुताबिक यहां मनोरोगियों की तादाद 2025 तक एक चौथाई और बढ़ जाएगी। |