वरिष्ठ साहित्यकार "रवींद्र कालिया" का निधन|
2016-01-09 : हाल ही में वरिष्ठ साहित्यकार रवींद्र कालिया का 9 जनवरी 2016 को निधन हो गया है। पिछले बुधवार को उनकी हालत में सुधार के बाद उन्हें वेंटिलेटर से बाहर कर दिया गया था। लेकिन आज सुबह एक बार फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई। और उनके निधन के समाचार से पूरे साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी पत्नी ममता कालिया भी एक प्रख्यात साहित्यकार हैं। उनकी बीमारी के दौरान उनके पुत्र मनु कालिया उनके साथ थे। हिंदी साहित्य में रवींद्र कालिया की ख्याति उपन्यासकार, कहानीकार और संस्मरण लेखक के अलावा एक ऐसे बेहतरीन संपादक के रूप में थी जो मृतप्राय: पत्रिकाओं में भी जान फूंक देते थे। रवींद्र कालिया हिंदी के उन गिने-चुने संपादकों में से एक थे, जिन्हें पाठकों की नब्ज़ और बाज़ार का खेल दोनों का पता था।
उनके कथा संग्रह इस प्रकार थे :-
1. नौ साल छोटी पत्नी
2. गरीबी हटाओ
3. गली कूंचे
4. चकैया नीम
5. सत्ताइस साल की उमर तक
6. ज़रा सी रोशनी
उपन्यास :-
1. खुदा सही सलामत है
2. ए.बी.सी.डी.
3. 17 रानडे रोड
संस्मरण :-
1. स्मृतियों की जन्मपत्री
2. कामरेड मोनालिसा
3. सृजन के सहयात्री
4. गालिब छुटी शराब
व्यंग्य संग्रह :-
1. नींद क्यों रात भर नहीं आती
2. राग मिलावट माल कौंस
कहानियाँ :-
1. दस प्रतिनिधि कहानियाँ
2. इक्कीस श्रेष्ठ कहानियाँ