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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभारंभ किया
0000-00-00 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फ़रवरी 2015 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ कस्बे में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभारंभ किया.यह योजना किसानों को वैज्ञानिक दृष्टि से मृदा का विश्लेषण करने में मदद करेगी. इस योजना का उद्देश्य पोषक तत्वों और उर्वरकों के उचित उपयोग से उत्पादकता में सुधार लाकर किसानों की मदद करना है. योजना के तहत तीन साल में 14 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे.करीब 3 करोड़ किसानों को वित्तीय वर्ष 2014-15 में इस परियोजना के तहत कवर किया जाएगा. मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सुविधा इस मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सभी बुनियादी जानकारी और फसल के लिहाज से आवश्यक पोषक तत्वों या उर्वरकों की जानकारी होगी. इसमें उत्पादकता बढ़ाने के लिए भूमि के प्रकार और उस पर उगाई जाने वाली फसल के प्रकार के आधार पर आवश्यक उर्वरक और अन्य जरुरी आगतों की भी जानकारी होगी. किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के सरकार के इस कदम से किसानों को मृदा स्वास्थ्य को जानने तथा मृदा पोषक तत्वों (उर्वरकों) के विवेकपूर्ण चयन में मदद मिलेगी. इस योजना से कृषि भूमि पर उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग की जाँच करने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने इस योजना के लिए “स्वस्थ धरा खेत हरा” का नारा भी दिया है.उन्होंने राज्यों से कृषि पर उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति बनाने और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत मृदा जाँच के बाद कृषि निर्णय लेने से पूर्व किसानो से अनुमति लेने की अपील की है. पृष्ठभूमि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की घोषणा जुलाई 2014 के अपने पहले बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की थी. इस योजना के लिए वित्त मंत्री ने 100 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था इसके अतिरिक्त 56 करोड़ के बजट का प्रावधान मृदा जाँच के लिए 100 मोबाइल प्रयोगशाला को स्थापित करने के लिए किया गया.