ब्रिटेन ने विज्ञानियों को मानव भ्रूण पर अनुसंधान की अनुमति दी|
2016-02-03 : हाल ही में, ब्रिटेन की सरकार ने अपने विज्ञानियों को मानव भ्रूण पर अनुसंधान की जनवरी 2016 में अनुमति दी। लंदन के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट की स्टेम सेल विज्ञानी कैथी नियाकन व उनकी टीम के अनुसंधान के अनुरोध को ब्रिटिश संस्था द ह्यूमन फर्टिलाइजेशन एंड एंब्रियोलोजी अथॉरिटी ने अपनी मंजूरी दी। विज्ञानी मानवीय भ्रूण पर जीन एडिटिंग तकनीक से शोध करेंगे। यह जेनेटिकली मोडिफाइड तरीके का ही समरूप है। नियाकन के अनुसार, भ्रूण बनने के आरंभिक सात दिनों तक सिंगल सेल से लेकर 250 सेल पर शोध होगा।
इस प्रोजेक्ट से मानव भ्रूण का विकास के बारे में जानने में मदद मिलेगी। निस्संतान दंपतियों के लिए आशा की किरण जागेगी और गर्भपात रोकने में मदद मिलेगी। इसका उपयोग डिजायर बेबी तैयार करने में होगा, यानी जैसा चाहेंगे बचा वैसा ही पैदा होगा। यह तकनीक विज्ञानियों को भ्रूण की जेनेटिक गड़बड़ियों को दूर करने या बदलने में मददगार शाबित हो सकता है। हमारे पाठको को बता दे की चीनी विज्ञानियों ने एक वर्ष पूर्व यह घोषणा करके हलचल मचा दी थी कि उन्होंने जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) मानव भ्रूण तैयार कर लिए हैं। उसी तकनीक पर ब्रिटिश विज्ञानियों को अनुमति मिली है।