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एमआईटी में भारतीय मूल की वैज्ञानिक संगीता भाटिया (Sangeeta Bhatiya) ने वर्ष 2015 का हेंज पुरस्कार जीता |

एमआईटी में भारतीय मूल की वैज्ञानिक संगीता भाटिया (Sangeeta Bhatiya) ने वर्ष 2015 का हेंज पुरस्कार जीता |


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0000-00-00 : मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में भारतीय मूल की वैज्ञानिक संगीता भाटिया को 26 अप्रैल 2015 को वर्ष 2015 का हेंज प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और रोजगार पुरस्कार प्रदान किया गया है | यह पुरस्कार 1993 से प्रतिवर्ष दिया जाता है तथा यह 20वां हेंज पुरस्कार था | और संगीता को टिश्यू इंजीनियरिग और रोग नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए सम्मानित करने का फैसला किया गया | उनकी टीम ने कृत्रिम माइक्रोलीवर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी, जिनका इस्तेमाल दवाओं के परीक्षण में किया जाता है | हेंज सम्मान क्या है : हेंज सम्मान प्रतिवर्ष हेंज फैमिली फाउंडेशन के द्वारा कला, मानवीय कार्यों, पर्यावरण, मानवीय स्थिति, सार्वजनिक नीति, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया जाता है | और इसकी शुरुआत वर्ष 1993 में की गई. हेंज पुरस्कार के तहत 250000 डॉलर प्रति व्यक्ति नकद राशि और दिवंगत सीनेटर जॉन हेंज की तस्वीर वाला पदक भेंट किया जाता है | यह पुरस्कार हर वर्ष उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने कला एवं मानविकी, पर्यावरण, मानव पारिस्थितिकी, लोक नीति और प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार में उल्लेखनीय योगदान दिया हो |

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