
भारत के पहले हेलीपोर्ट का दिल्ली के रोहिणी में शुभारम्भ हुआ
2017-03-01 : हाल ही में, भारत के प्रथम हेलीपोर्ट का राजधानी दिल्ली के रोहिणी में उद्धाटन किया गया। इस हेलीपोर्ट के सुचारू होने के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यातायात का बोझ कुछ कम होगा। वर्तमान में दिल्ली एयरपोर्ट से 40-50 हेलीकॉप्टर उड़ते हैं। नव निर्मित हेलीपोर्ट से एक साथ 10 हेलीकॉप्टर उड़ान भर या उतर सकते हैं। उत्तर दिल्ली के रोहिणी इलाके में पवन हंस लिमिटेड द्वारा निर्माण किए गए हेलीपोर्ट में 150 यात्रियों की क्षमता वाला टर्मिनल भवन, 16 हेलीकॉप्टरों की पार्किंग क्षमता वाले 4 हैंगर और 9 पार्किंग स्थल हैं।
दिल्ली के रोहिणी में हेलीपोर्ट को कुल 25 एकड़ क्षेत्रफल में निर्माण किया गया है। रोहिणी का हेलीपोर्ट उत्तर-भारत के हेलीकॉप्टर ऑपरेशन केंद्र के रूप में कार्य करेगा। हेलीपोर्ट के उद्धाटन के मौके पर राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, उपराज्यपाल अनिल बैजल और अन्य लोग मौजूद थे। नव निर्मित हेलीपोर्ट से पश्चिमी उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों हेतु उड़ान संभव होगी। यह हेलीपोर्ट पिछले एक वर्ष पूर्व से ही तैयार था, लेकिन अभी तक रात में उड़ान भरने की इजाजत नहीं मिलने के कारण इसका औपचारिक उद्घाटन नहीं किया जा सका।
क्या है हेलीपोर्ट?
# हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट पर 100 करोड़ रूपए की लागत आयी है।
# हेलीपोर्ट प्रांगण में बनी इमारत में एक बार में करीब 150 यात्री रूक सकते हैं।
# दक्षिण एशिया में यह अपनी तरह की पहली सुविधा है।
# हेलीपोर्ट में हेलीकॉप्टर को रखने हेतु लगभग चार हैंगर का निर्माण भी किया गया है।
# एक हैंगर में एक बार में चार हेलीकॉप्टर को पार्क किया जा सकता है। इस तरह इन हैंगरों में एक बार में करीब 16 हेलीकॉप्टर खड़े किये जा सकेंगे।
# मेट्रो रेल सेवा से जोड़ने हेतु इस हेलीपोर्ट का रिठाला मेट्रो स्टेशन से कुछ ही किलोमीटर की दूरी निर्माण किया गया है।
# इस हेलीपोर्ट का ट्रायल पिछले एक वर्ष से किया जा रहा है जो अभी तक सफल रहा है।
# वर्तमान में हेलीपोर्ट से दिल्ली दर्शन की हेलीकॉप्टर उड़ानें होंगी।
# हेलीपोर्ट से ऋषिकेश, देहरादून, शिमला, मेरठ, आगरा, बहादुर गढ़ सहित मशहूर धार्मिक और पर्यटन महत्व के तीर्थ स्थानों के साथ-साथ एनसीआर के अन्य शहरों तक हेलीकाप्टर उड़ान भर सकेंगे।